हिमाचल की हार पर नितिन गडकरी ने कहा, नसीब ने साथ नहीं दिया

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बहुत कम अंतर से रह गए

एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में गडकरी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जो भी दल सत्ता में आती है, उसके और विरोधी दल के बीच वोटों का अंतर बहुत कम होता है। गडकरी ने कहा, ‘जब मैं बीजेपी का अध्यक्ष था तब मेरे सामने भी दो चुनाव हुए थे। वहां बहुत कम अंतर से हार-जीत होता है।’ उन्होंने कहा कि मुझे जो जानकारी मिली है, हम कई सीटों पर बहुत कम वोटों से हारे हैं। उन्होंने कहा कि हार के कई कारण हो जाते हैं। कभी सत्ता विरोधी लहर होती है। कभी विधायकों के खिलाफ गुस्सा होता है। लोग परिवर्तन चाहते हैं।

नसीब ने साथ नहीं दिया

हालांकि ये कहते हुए गडकरी के दिल का दर्द भी छलक उठा। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हिमाचल की हार में हमारे और उनके (कांग्रेस) के वोटों का अंतर बहुत कम रहा। पर ये ही कहूंगा कि नसीब ने हमारा साथ नहीं दिया। 1-2 पर्सेंट ज्यादा मिलता तो हमारी सत्ता आ जाती। यह पूछने पर कि गुजरात में मोदी का साथ मिल गया लेकिन हिमाचल में नसीब का साथ क्यों नहीं मिला, इसपर गडकरी ने कहा कि पीएम मोदी से लेकर छोटे कार्यकर्ता तक हम सब एक होकर लड़ते हैं। चुनाव में जनता माई-बाप होती है। कुछ स्थानीय मुद्दे, कुछ राष्ट्रीय मुद्दे होते हैं। पर यही कहना चाहूंगा कि हमारे और कांग्रेस के वोट में ज्यादा अंतर नहीं है।

गुजरात की जीत का कारण भी बता दिया

गडकरी ने गुजरात में बीजेपी की बंपर जीत का कारण भी बता दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी फिलॉसफी तीन बातों पर टिकी हुई है। हम जब सत्ता में होते हैं तो विकास की राजनीति करते हैं। जब पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तो उन्होंने राज्य के विकास को एक नई दिशा दी। जब वह देश के पीएम बने तो हमने भी इसी एजेंडे को प्राथमिकता दी। अच्छे रोड, पानी, बिजली, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन, कृषि, मेडिकल हेल्थ, एजुकेशन, हर जगह पर हमने रेकॉर्ड बनाए हैं। गुजरात की जनता को विकास के काम देखने को मिले। इसी के कारण गुजरात की जनता हमें वहां लगातार 27 साल से हमें सत्ता में ला रही है। यही कारण है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में गुजरात की जनता ने हमें समर्थन दिया।

-Compiled by up18 News


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