श्रिंकफ्लेशन: कंज्यूमर प्रोडक्ट कंपनियों की ग्राहकों को ठगने की रणनीति

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इसके खिलाफ रिटायर्ड वकील एडगर द्वोर्स्की ने अपने बूते कई साल से अभियान छेड़ रखा है। लोग अब स्वयं उन्हें ऐसे प्रोडक्ट की जानकारी देते हैं। इधर महंगाई बढ़ने से इस चलन के खिलाफ मीडिया में आवाज उठी है। शैक्षणिक हलकों में भी मामले पर रिसर्च शुरू हो गई है।

सोमरविले, मैसाचुसेट्स के द्वोर्स्की कंज्यूमर एडवोकेट थे। रिटायर होने के बाद वे उपभोक्ताओं को जागरूक कर रहे हैं। उन्हें कुछ सप्ताह पहले ई-मेल मैसेज मिला कि कफ सिरप कम है। उसके साथ सिरप के दो पैकेज के फोटो थे। नया पैकेज पुराने पैकेज से आधा लगता था। उन्हें लगातार ई-मेल आते हैं कि डॉग फूड का वजन 50 ग्राम से सिकुड़कर 44 ग्राम हो गया है। नाश्ते के आहार का पैकेट तो एक इंच ऊंचा हो गया लेकिन उसका वजन कुछ ग्राम कम है। डिटर्जेंट की एक जैसी दिखने वाली बोतलों में से नई बोतल में कम डिटर्जेंट रहता है। वे श्रिंकफ्लेशन नामक इस कारोबारी चलन के बारे में अपनी वेबसाइट माउसप्रिंट.ओआरजी पर लिखते हैं।

द्वोर्स्की प्रोडक्ट की पैकेजिंग पर लिखे शब्दों के संबंध में कहते हैं कि अक्षर इतने सूक्ष्म होते हैं कि उन्हें कोई चूहा ही पढ़ सकता है। वे मछली, मेयोनीज, आइसक्रीम, डियोडोरेंट, साबुन सहित कई प्रोडक्ट की असलियत का खुलासा करते हैं। भ्रामक विज्ञापनों, बिक्री के बढ़े-चढ़े दावों और इस संबंध में चल रहे मुकदमों का भी ब्योरा देते हैं। माउस प्रिंट की एक ताजा रिपोर्ट में टॉयलेट पेपर के सिकुड़ने की जानकारी दी गई है। वे लिखते हैं, कुछ वर्षों में हर ब्रांड का टॉयलेट पेपर सिकुड़ गया है। दूसरी ओर मार्केट रिसर्च कंपनी आईआरआई में कंज्यूमर प्रोडक्ट गुड्स के प्रेसीडेंट कृष्णकुमार डेवी कहते हैं, निर्माता कंपनियों की लागत बहुत अधिक बढ़ गई है।

कच्चे माल, वेतन और ढुलाई की लागत बढ़ने के कारण कंपनियां ऐसा कर रही हैं। द्वोर्स्की के काम पर इन दिनों अधिक ध्यान दिया जा रहा है। परड्यू यूनिवर्सिटी में कृषि अर्थशास्त्र के प्रोफेसर जोसेफ बालगतास कहते हैं, मेरी जानकारी में इस चलन की जांच करने वाले द्वोर्स्की अकेले व्यक्ति हैं। वहीं एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी में सप्लाई चेन मैनेजमेंट के प्रोफेसर हितेंद्र चतुर्वेदी का कहना है कि उन्होंने अपनी रिसर्च का रिकॉर्ड बनाने के लिए द्वोर्स्की के उदाहरणों का ही इस्तेमाल किया है।

प्रोडक्ट के वजन पर ध्यान देना जरूरी द्वोर्स्की कहते हैं, श्रिंकफ्लेशन या प्रोडक्ट का वजन, आकार घटाने को पकड़ना मुश्किल है। वे कहते हैं कि अगर दुकानों और बड़े स्टोर में नए, पुराने पैकेट एक साथ मिल जाएं तो वे स्वयं को खुशकिस्मत मानते हैं। वे पैकेजिंग पर नई और बेहतर जैसे सुराग के फेर में रहते हैं। उनका कहना है, लेकिन सबसे अधिक महत्वपूर्ण वजन की जांच है। वे कहते हैं, जिस प्रोडक्ट को हमेशा खरीदते हैं, उसके वजन पर गौर कीजिए।

Compiled: up18 News