दिल्ली शराब घोटाले में डिप्टी CM मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। CBI सूत्रों के मुताबिक मामले में सिसोदिया का एक सहयोगी सरकारी गवाह बन गया है। पिछले हफ्ते दिल्ली की एक अदालत से बिजनेसमैन दिनेश अरोड़ा को बेल भी मिल गई थी, जिसका CBI ने विरोध नहीं किया था।
सोमवार को CBI ने कोर्ट में एक याचिका दायर कर बताया कि अरोड़ा शराब घोटाला केस में सिसोदिया के खिलाफ सरकारी गवाह बन गए हैं। जांच एजेंसी ने बताया कि अरोड़ा ने हमें केस से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां मुहैया करवाई हैं। वे हमें पूरा सहयोग कर रहे हैं।
कौन है सिसोदिया का करीबी दिनेश अरोड़ा?
दिल्ली शराब घोटाला केस में CBI ने 17 अगस्त को FIR दर्ज की थी। FIR के मुताबिक बड्डी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड गुरुग्राम के डायरेक्टर अमित अरोरा, दिनेश अरोरा और अर्जुन पांडे सिसोदिया के करीबी थे। ये लोग शराब लाइसेंसियों से आर्थिक फायदा लेकर उसे आरोपी पुलिस अफसरों तक डायवर्ट करने में शामिल थे। CBI ने यह आरोप भी लगाया कि राधा इंडस्ट्रीज के दिनेश अरोरा ने इंडोस्पिरिट्स के समीर महेंद्रु से एक करोड़ रुपए लिए थे।
CBI जांच शुरू होने के बाद नई पॉलिसी को लागू नहीं किया गया
डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने 1 अगस्त 2022 को ऐलान किया था कि पुरानी शराब नीति लागू होगी। लेकिन इस मामले में CBI जांच शुरू होने के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा- केंद्र सरकार ने इस पॉलिसी में CBI की एंट्री करा दी, जिससे कोई भी ठेका लेने के लिए तैयार नहीं है। इसलिए हम नई व्यवस्था लागू नहीं करेंगे।
डिप्टी CM ने कहा था कि नई एक्साइज पॉलिसी से भाजपा का भ्रष्टाचार खत्म हो जाता और साल में 9,500 करोड़ का राजस्व आता। वर्तमान में दिल्ली में 468 शराब दुकानें चल रही हैं। भाजपा का मकसद है कि दिल्ली में अवैध शराब बिके।
इस नई शराब नीति के तहत दिल्ली सरकार ने ये 5 प्रमुख फैसले लिए…
पूरी दिल्ली को 32 जोन में बांटकर हर जोन में 27 लिकर वेंडर रखने की बात कही गई।
इसमें फैसला किया गया कि दिल्ली सरकार अब शराब बेचने का काम नहीं करेगी।
अब दिल्ली में शराब बेचने के लिए सिर्फ प्राइवेट दुकानें होंगी।
हर वार्ड में 2 से 3 वेंडर को शराब बेचने की अनुमति दी जाएगी।
शराब दुकानों के लिए लाइसेंस देने की प्रोसेस को आसान और फ्लेक्सिबल बनाया जाएगा।
Compiled: up18 News
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