अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी 2023 को अडानी समूह के खिलाफ अपनी रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद भारी हंगामा मचा। अडानी के शेयर लगातार गिरते रहे। वहीं सड़क से संसद तक अडानी मामले को लेकर हंगामा शुरू हो गया। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने अडानी ग्रुप पर जांच के लिए एक छह सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल का गठन किया । समिति को दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया। कोर्ट के आदेश के बाद पैनल ने 8 मई को सुप्रीम कोर्ट में अपनी सीलबंद कवर में अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है।
रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद इस पूरे मामले पर 12 मई को इसे चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के सामने पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि अडानी मामले में जांच कर रही सेबी ने अतिरिक्त समय की मांग की है। 29 अप्रैल को सेबी ने अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच पूरी करने के लिए छह महीने का अतिरिक्त समय मांगा है। सेबी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी बात रखते हुए जांच को पूरा करने के लिए 6 महीने और वक्त लेने की मांग की है।
हालांकि सेबी की ओर से 6 महीने का अतिरिक्त समय मांगे जाने का विरोध भी हुआ। सेबी के 6 महीने की मोहलत मांगने के विरोध में याचिका दाखिल की गई। याचिका में कहा गया कि जांच के लिए अतिरिक्त समय देने से कंपनी महत्वपूर्ण आकड़ों और फैक्ट्स के साथ छेड़छाड़ हो सकती है। गौरतलब है कि कोर्ट ने पैनल और सेबी दोनों को दो महीने का वक्त दिया था।
अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पैनल में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एएम सप्रे, पूर्व बैंकर केवी कामथ और ओपी भट्ट के अलावा इंफोसिस के को—फाउंडीर नंदन नीलेकणि, सिक्योरिटी लॉयर सोमशेखर सुंदरसन और रिटायर्ड जज जेपी देवधर शामिल हैं।
Compiled: up18 News
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.