राहुल गांधी के वायनाड स्थित ऑफिस में दो महीने पहले हुई तोड़फोड़ के मामले में केरल पुलिस ने कांग्रेस के ही 4 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। कलपेट्टा पुलिस का कहना है कि इसमें राहुल का स्टाफ भी शामिल है। हालांकि, राहुल ने अभी तक इस मामले में कोई भी स्टेटमेंट नहीं दिया है।
दरअसल, 24 जून को वायनाड स्थित राहुल गांधी के ऑफिस में तोड़फोड़ की गई थी। इस घटना के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर भी उपद्रवियों ने तोड़ दी थी। कांग्रेस ने इसका आरोप स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) कार्यकर्ताओं पर लगाया था। पार्टी ने कहा था कि SFI के गुंडों ने पार्टी कार्यालय में मौजूद स्टाफ से मारपीट भी की है। केरल में लेफ्ट की सरकार है और SFI इसका स्टूडेंट्स विंग है।
तोड़फोड़ का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें दिखाई दे रहा था कि वायनाड में कुछ लोग राहुल गांधी के दफ्तर की खिड़कियों पर चढ़ गए और तोड़फोड़ शुरू कर दी। हाथों में SFI के झंडे लिए कुछ लोग दफ्तर के अंदर तक पहुंच गए थे। वहां इन लोगों ने नारेबाजी भी की थी।
घटना को बताया था दुर्भाग्यपूर्ण
राहुल गांधी ने तोड़फोड़ की हुई इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। राहुल ने कहा था- हिंसा से किसी भी समस्या का समाधान नहीं होता है। ऐसा काम करने वाले लोग गैर जिम्मेदार और बच्चे हैं। मेरी उनसे कोई दुश्मनी नहीं है और मेरे मन में उनके लिए कोई गुस्सा नहीं है।
वायनाड और अमेठी से एक साथ चुनाव लड़े राहुल
राहुल गांधी 2019 में उत्तर प्रदेश के अमेठी के साथ केरल के वायनाड से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। वे अमेठी में भाजपा कैंडिडेट स्मृति ईरानी से हार गए थे, जबकि वायनाड से उन्हें जीत मिली थी। वायनाड लोकसभा सीट भौगोलिक तौर पर बेहद अहम है। यह केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमाओं को जोड़ती है। इस लिहाज से इस सीट की हार-जीत तीनों राज्यों के सीमावर्ती इलाकों पर असर डालती है।
-एजेंसी