साल 2008 के अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट केस में सुनवाई करते हुए विशेष अदालत ने ऐतिहासिक फ़ैसला दिया है.
इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 49 दोषियों में से 38 को फाँसी की सज़ा सुनाई है जबकि 11 लोगों को उम्र क़ैद की सज़ा दी है. 11 दोषियों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई है.
वर्ष 2008 के अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट में 56 लोगों की मौत हुई थी और क़रीब 200 लोग घायल हुए थे.
अहमदाबाद सीरियल ब्लास्
वो 26 जुलाई 2008 की तारीख़ थी. गुजरात के अहमदाबाद शहर में 70 मिनट के भीतर एक के बाद एक करके 21 बम धमाके हुए थे
इन सिलसिलेवार बम धमाकों से अहमदाबाद दहल उठा था और इसमें 56 लोग मारे गए थे जबकि 200 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे.
इन धमाकों की ज़िम्मेदारी इंडियन मुजाहिद्दीन और हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी नाम के आतंकी संगठनों ने ली थी.
गुजरात एटीएस यानी आतंकवाद निरोधी दस्ते ने धमाकों के संदिग्ध मुफ़्ती अबू बशीर के साथ नौ लोगों को गिरफ्तार किया.
साल 2016 में लगभग आठ सालों के बाद धमाकों के एक और अभियुक्त, नासिर रंगरेज को भी पकड़ा गया था.
धमाकों के फ़ौरन बाद गुजरात के सुरेंद्रनगर ज़िले से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनमे हुसैन इब्राहीम, हासिल मोहम्मद और अब्दुल क़ादिर शामिल हैं.
इन धमाकों के सिलसिले में दायर की गई चार्जशीट में सिमी के मुफ़्ती बशर, सफ़दर मंसूरी और सफ़दर नागोरी के अलावा 50 और लोगों को अभियुक्त बनाया गया.
धमाकों के सिलसिले में गुजरात पुलिस के विशेष दस्ते ने कुल 70 आरोपियों गिरफ्तार किया.
इस मामले में विशेष अदालत ने गत 08 फरवरी मंगलवार के दिन 49 लोगों को दोषी करार दिया। न्यायाधीश एआर पटेल ने 28 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। अदालत ने पिछले साल सितंबर में इस मामले के कुल 77 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई पूरी की थी।
अहमदाबाद में हुए धमाकों के तार प्रतिबंधित संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े हुए थे और दिसंबर 2009 में कुल 78 लोगों के खिलाफ सुनवाई शुरू हुई थी। बाद में एक आरोपी के सरकारी गवाह बन जाने के बाद कुल अभियुक्तों की संख्या 77 रह गई। वरिष्ठ सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि चार आरोपियों की गिरफ्तारी बाद में हुई थी और उनके मामलों की सुनवाई अब भी पूरी होनी बाकी है।
पुलिस ने दावा किया था कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े लोगों ने साल 2002 में गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए इन हमलों को अंजाम दिया था।
अहमदाबाद में सिलसिलेवार धमाकों के कुछ दिन बाद पुलिस ने सूरत के विभिन्न इलाकों से कई बम बरामद किए थे। इसके बाद अहमदाबाद में 20 और सूरत में 15 एफआईआर दर्ज की गई थीं।
अदालत की ओर से सभी 35 एफआईआर को एक साथ जोड़ देने के बाद दिसंबर 2009 में 78 आरोपियों के खिलाफ मुकद्दमे की शुरुआत हुई थी। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 1100 गवाहों का परीक्षण किया।
-एजेंसियां
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