गाजियाबाद में बुर्का, हलाला से तंग 2 मुस्लिम महिलाओं ने छोड़ा इस्लाम, हिंदू युवकों से रचाई शादी

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गाजियाबाद से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. गाजियाबाद में दो मुस्लिम लड़कियों ने स्वेच्छा से हिंदू धर्म भी अपना लिया है. गाजियाबाद के शालीमार गार्डन इलाके में दो मुस्लिम महिलाओं खुशबू खान और सोनिया खान ने अपनी इच्छा से हिंदू धर्म अपनाकर घर वापसी की है. इन महिलाओं का कहना है कि उन्हें अब जाकर सम्मान और अपनी पहचान मिली है। दोनों महिलाओं ने हिंदू लड़को से शादी कर ली है। एक धर्मांतरण की घटना नहीं, बल्कि एक गहरे सामाजिक और वैचारिक परिवर्तन का संकेत है।

गौरतलब है कि खुशबू खान की पहली शादी यूसुफ नामक व्यक्ति से हुई थी और जिनके तीन बच्चे भी हैं. खुशबू खान ने बताया कि शादी के बाद से ही वह घरेलू हिंसा, बुर्के की पाबंदी और अपमान का शिकार रही हैं. उन्होंने कहा कि मुस्लिम धर्म में लड़कियों की कोई इज्जत नहीं होती, जबकि हिंदू धर्म में महिलाओं को देवी का दर्जा मिलता है. खुशबू अब विपिन साहू के साथ रह रही हैं और पिछले तीन वर्षों से हिंदू रीति-रिवाजों का पालन कर रही हैं.

सोनिया खान से हिंदू बनी सोनिया चौधरी

वहीं, सोनिया खान से हिंदू बनी सोनिया चौधरी ने कहा कि वह धीरज से प्रेम करती हैं और उन्होंने अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने का फैसला लिया. यह फैसला उनकी स्वेच्छा से है. वह धीरज के साथ जीवन की शुरुआत करना चाहती हैं. सोनिया चौधरी ने बताया कि 6 साल पहले धीरज जायसवाल से शादी की थी. उन्हें मुस्लिम धर्म की पाबंदियां जैसे बुर्का, हलाला और बहुविवाह बिल्कुल पसंद नहीं था. हिंदू धर्म की ओर मेरा शुरू से झुकाव था, अब मैंने पूरे विधि-विधान से धर्म परिवर्तन कर लिया है और खुश हूं. दोनों महिलाओं को हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष पिंकी चौधरी की मौजूदगी में पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों के जरिए हिंदू धर्म में दीक्षित किया गया. संगठन का दावा है कि यह घर वापसी पूरी तरह स्वेच्छा से और विधिपूर्वक कराई गई है

स्वेच्छा से किया धर्म परिवर्तन

धर्मांतरण की प्रक्रिया हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष पिंकी चौधरी की उपस्थिति में की गई। संगठन का दावा है कि यह घर वापसी पूरी तरह से शांतिपूर्ण, वैधानिक और स्वेच्छा से हुई है। दोनों महिलाओं ने वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा और दीक्षा में भाग लिया। उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में जबरन या छलपूर्वक धर्मांतरण के मामलों को लेकर राज्य सरकार सतर्क रही है। धर्मांतरण कानून के तहत ऐसी घटनाओं की जांच की जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि व्यक्ति की इच्छा का सम्मान हो और कोई दबाव न हो। हालांकि, गाजियाबाद की इस घटना में अब तक कोई जबरदस्ती या अनुचित प्रभाव की पुष्टि नहीं हुई है, और दोनों महिलाओं ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने यह निर्णय सोच-समझकर, अपनी स्वतंत्रता से लिया है।

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