जम्मू-कश्मीर के राजौरी में चल रही मुठभेड़ में भारतीय सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। करीब 24 घंटे से धर्मसाल के बाजीमाल इलाके में चल रही इस मुठभेड़ में भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल ने लश्कर ए तैयबा के दो पाकिस्तानी आतंकी को मार गिराया है। यह आतंकी डांगी और कंडी में हुए हमलों का मास्टर माइंड था। फिलहाल अभी भी मुठभेड़ जारी है। यहां अभी और आतंकियों के घिरे होने की जानकारी सामने आ रही है।
गौरतलब है कि सुबह करीब 10 बजे 22 नवंबर को शुरू हुई इस आतंकी मुठभेड़ में भारतीय सेना के दो कैप्टन और दो सैन्यकर्मी शहीद हो गए हैं। वह मुठभेड़ स्थल से बच्चों और महिलाओं को निकालने की कोशिश कर रहे थे कि अचानक आतंकियों ने गोलियों की बौछार कर दी। गोलियों की चपेट में एक कैप्टन की मौके पर ही मौत हो गई जब कि अन्य तीन ने अस्पताल में दम तोड़ा।
इन्होंने दिया बलिदान
राजौरी मुठभेड़ में राष्ट्रीय राइफल 63 के कैप्टन एमवी प्रांजल व 9 पैरा के कैप्टन शुभम ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। इसके साथ ही दो वीर सैनिकों ने भारतीय सेना के गौरव की रक्षा करते हुए अपनी जान पर खेल गए। इसमें जम्मू कश्मीर के पुंछ के हवलदार माजिद भी शामिल हैं। पैरा 9 के मेजर मेहरा को भी चोट लगी है। उन्हें एयरलिफ्ट कर उधमपुर कमांड अस्पताल में पहुंचाया गया है।
खाना नहीं दिया तो पीटा
जम्मू-कश्मीर पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि आतंकी कई दिनों से कालाकोट जंगल में छिपे हैं। इन्होंने मंगलवार को बाजीमाल इलाके में ही एक गुर्जर व्यक्ति की पिटाई कर दी। आतंकियों ने गुर्जर व्यक्ति से खाना मांगा था लेकिन उसने खाना देने से मना कर दिया था। इसके बाद आतंकियों ने उसे बहुत पीटा और जंगल में भाग गए। गुर्जर जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में भेड़, बकरी और अन्य जानवर चराते हैं।
Compiled: up18 News