टेरर फंडिंग केस में दोषी ठहराए गए अलगाववादी यासीन मलिक की सजा पर कोर्ट का फैसला आने के बाद श्रीनगर के कुछ हिस्से में विरोध-प्रदर्शन किया गया। मैसूमा इलाके में यासीन मलिक समर्थकों ने हिंसक प्रदर्शन किया। साथ ही यासीन मलिक के घर के बाहर देश विरोधी नारेबाजी और पथराव भी किया। इस पर गुरुवार को श्रीनगर पुलिस ने सख्त कदम उठाया। पुलिस ने अब तक इस पूरे मामले में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। अन्य सभी इलाकों में माहौल शांतिपूर्ण रहा है।
दरअसल, बुधवार को लाल चौक से कुछ ही दूरी पर स्थित मैसूमा में यासीन मलिक का घर है। दिल्ली कोर्ट से यासीन मलिक के खिलाफ सजा सुनाए जाने के बाद मलिक के घर के बाहर बड़ी संख्या में महिलाओं समेत लोग जमा हो गये। उन्होंने अलगाववादी नेता के समर्थन में नारेबाजी की और इलाके में विरोध मार्च निकाला।
अधिकारियों के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने मैसूमा चौक की तरफ बढ़ने का प्रयास किया और सुरक्षा बलों के साथ उनकी झड़प हो गई। कुछ प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके। बाद में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसूगैस के गोले छोड़े।
प्रदर्शन के बाद बंद हु्ईं दुकानें
अधिकारियों के अनुसार लाल चौक में कुछ दुकानों सहित मैसूमा और आसपास के इलाकों में ज्यादातर दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद कर दिए गए। वहीं पुराने शहर के कुछ इलाकों में भी दुकानें बंद रहीं, लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट चलता रहा। उन्होंने बताया कि कानून-व्यवस्था की किसी भी प्रकार की समस्या से बचने के लिए शहर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
उम्रकैद के साथ मलिक पर 10 लाख का जुर्माना
दिल्ली की एक अदालत ने प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को कड़े आतंकवाद रोधी कानून के तहत 19 मई को दोषी करार दिया था। मलिक ने अपने खिलाफ लगाये गये सभी आरोपों में दोष कबूल किया था।
अदालत ने मलिक की सजा पर फैसला सुनाने के लिए मामले की सुनवाई 25 मई को निर्धारित की और बुधवार को मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने मलिक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
-एजेंसियां