सिकंदराबाद। रैंगिंग मामले में गांधी मेडिकल कॉलेज के 10 छात्रों को एक वर्ष के लिए कॉलेज से निलंबित कर दिया गया है. यह कार्रवाई एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र की शिकायत के बाद की गई. निलंबत किए गए स्टूडेंट्स 2021 और 2022 बैच के हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2021 और 2022 बैच के दस सीनियर छात्रों ने गांधी मेडिकल कॉलेज, सिकंदराबाद के छात्रावास में रैगिंग की. आज 12 सितंबर को एंटी रैगिंग कमेटी ने घटना की जांच की और 2021 बैच के पांच और 2022 बैच के पांच छात्रों को रैगिंग में लिप्त पाया.
चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. रमेश रेड्डी ने एक बयान में कहा कि सभी 10 छात्रों को एक साल के लिए कॉलेज से निलंबित कर दिया गया है. मेडिकल छात्र एनएमसी की वेबसाइट (nmc.org.in) पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
यूजीसी से की गई थी शिकायत
शिकायत यूजीसी एंटी-रैगिंग सेल, नई दिल्ली द्वारा कार्रवाई करने के लिए भी भेजी गई थी. चिकित्सा शिक्षा निदेशक ने विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के सभी छात्रों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कोई भी रैगिंग करता है तो उसके खिलाफ रैगिंग विरोधी नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी. रैगिंग के प्रति हमारी नीति बिल्कुल बर्दाश्त नहीं है. इस साल फरवरी में रैगिंग के कारण काकतीय मेडिकल कॉलेज के स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के एक छात्र ने सुसाइट कर लिया था.
एनएमसी ने काॅलेजों को दिए थे निर्देश
जून में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने एक परिपत्र जारी कर मेडिकल कॉलेजों को उत्पीड़न और रैगिंग की शिकायतों पर समय पर प्रतिक्रिया देने का निर्देश दिया था. जारी निर्देश में कहा गया था कि सभी कॉलेजों को निर्देश दिया जाता है कि वे मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में रैगिंग की रोकथाम और निषेध, विनियम 2021 का अनुपालन करें और इस आयोग को संलग्न प्रारूप के अनुसार अनुपालन रिपोर्ट जल्द से जल्द और नवीनतम 30 जून, 2023 तक प्रस्तुत करें. 31 मार्च, 2023 को समाप्त होने वाली परीक्षाओं में 2021 और 2022 बैच के यूजी और पीजी प्रवेश के बाद प्राप्त सभी शिकायतें शामिल होनी चाहिए.
– एजेंसी
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