स्टडी में हुआ खुलासा: परिवार वालों की लापरवाही से बच्‍चे हो रहे हैं पॉयजनिंग के शिकार

Health

घर के अंदर ही बच्चे Poison के शिकार हो रहे हैं, ज्यादा चिंता की बात यह भी है कि इसके पीछे की मुख्य वजह परिवार वालों की लापरवाही है। यह खुलासा एम्स की एक स्टडी में हुआ है। 16 हजार 420 पॉयजनिंग के केसों में से 7 हजार 114 में इसकी वजह घरों में यूज होने वाले प्रोडक्ट्स पाए गए, जिसमें से सबसे ज्यादा युवा और बच्चे इसके शिकार हुए। स्टडी के अनुसार 61.2 प्रतिशत मामले 18 साल से कम उम्र के थे। डॉक्टरों का कहना है कि हाउसहोल्ड प्रोडक्ट्स की वजह से पॉयजनिंग के मामले में बढ़ोत्तरी हुई है और इसका सबसे ज्यादा शिकार बच्चे हो रहे हैं। अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो इसकी बड़ी वजह घर में इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट्स को सही तरीके से स्टोर करने में लापरवाही दिखाना है।

घर में इस्तेमाल होने वाली चीजें हैं Poison की वजह

इस स्टडी के ऑथर एम्स के फार्मोकोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी रहे डॉक्टर वाई के गुप्ता हैं। मेडिकल जर्नल में पब्लिश इस स्टडी के अनुसार एम्स के नेशनल पॉयजन्स इनफॉरमेंशन्स सेंटर (NPIC) में अप्रैल 2006 से लेकर मार्च 2016 के बीच 16 हजार 420 कॉल आई। पूरे देश से एम्स के इस सेंटर पर कॉल की गई जिसमें चौंकाने वाले यह तथ्य सामने आए हैं कि घरों में यूज होने वाले प्रोडक्ट्स से सबसे ज्यादा पॉयजनिंग के मामले सामने आते हैं। पॉयजनिंग के कुल 16 हजार 420 में से 7 हजार 114 मामले यानि 45.5 पर्सेंट में पॉयजन की वजह हाउस होल्ड प्रोडक्ट्स पाए गए। डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि हाउसहोल्ड पेस्टिसाइड में सबसे ज्यादा मच्छर मारने की दवा, खटमल मारने की दवा है और अगर यह पेट में चला जाए तो जहर बन जाता है।

टीनएजर्स और बच्चे हो रहे हैं ज्यादा शिकार

डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि सबसे चौंकाने वाले तथ्य यह है कि टीनेजर्स और बच्चे इसके सबसे ज्यादा शिकार हो हुए हैं, क्योंकि 61.2 पर्सेंट मामले 18 साल से कम उम्र के हैं। डॉक्टर का मानना है कि लोग अनजाने में ज्यादा इसका शिकार हुए हैं, मतलब साफ है कि जानबूझकर ऐसा नहीं किया गया। अगर प्रोडक्ट्स को ठीक से स्टोर किया गया होता तो ऐसी घटना होने की संभावना कम थी। स्टडी में पाया गया कि 66.8 पर्सेंट पॉयजनिंग की वजह अनजाने में इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल है। डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि पैरंट्स की लापरवाही, ठीक से स्टोरेज नहीं करने की आदत की वजह से सबसे ज्यादा बच्चे इसके शिकार हुए।

-एजेंसी