विशाखापत्तनम। ग्लोबल हिंदू संगठन Global Hindu Heritage Foundation ने 200 हिंदू परिवारों की ईसाई धर्म से घर वापसी कराई है जिन्हें बाद में हिंदू धर्मग्रंथों व उनके महत्व का संदेश दिया गया। नवंबर के अंतिम सप्ताह में श्री राम पट्टाभिषेकम व्रतम के आयोजन की घोषणा की, जिसमें 200 परिवार शामिल हुए, जिनमें 200 ऐसे हैं, जो हाल ही में ईसाई धर्म में परिवर्तित होने के बाद सनातन धर्म में वापस आ गए हैं। पूजा पूरी होने के बाद, श्री साईं दत्त लोकेश्वरानंद ने पट्टाभिषेकम आयोजित करने के बारे में चर्चा की। रावण का वध करने के बाद ही श्री राम अयोध्या लौटे थे। इसने जंगल में अपने निर्वासन के अंत को भी चिह्नित किया।
दरअसल अमेरिका के टेक्सास स्थित ग्लोबल हिंदू हेरिटेज फाउंडेशन ने कहा है कि उसे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि श्री साईं दत्ता लोकेश्वरानंद स्वामीजी ने नवंबर के अंतिम सप्ताह में श्री राम पट्टाभिषेकम व्रतम् का आयोजन किया है, जिसमें 500 से अधिक परिवारों ने भाग लिया था।
और इस कार्यक्रम की सबसे महत्वपूर्ण बात ये रही कि इसमें 200 वो परिवार भी शामिल हुए थे जो संगठन से जुड़े स्वामी जी के प्रयासों के कारण ईसाई धर्म से हिंदू धर्म में लौट आए थे। बता दें कि ये कार्यक्रम विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया था।
श्री स्वामीजी ने श्री राम पट्टाभिषेकम के महत्व और उनके साम्राज्य में धर्म की रक्षा में भगवान राम की भूमिका के बारे में बात की।
उन्होंने भगवान राम के जन्म के बारे में संक्षेप में बात की, कैसे उन्हें वन में निर्वासित किया गया, रावण द्वारा सीता का अपहरण, और भगवान राम और रावण के बीच अंतिम युद्ध। भगवान राम द्वारा रावण वध के बाद अयोध्या लौटने के बाद पट्टाभिषेकम किया गया था।
– एजेंसी
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