रैंप पर वॉक करना, बड़े ब्रैंड्स और डिजाइनर के लिए मेन फेस बनना… ये सब सुनने में भले ही अच्छा लगता हो लेकिन इस मुकाम को हासिल करने के लिए ज्यादातर मॉडल्स को फैशन वर्ल्ड की अंधेरी गलियों से भी गुजरना पड़ता है।
फैशन की दुनिया में कदम रखने का सपना न जाने कितनी लड़कियां देखती हैं। कुछ टॉप मॉडल बनने की चाहत रखती हैं तो कुछ इसे एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एंट्री की पहली सीढ़ी मानती हैं। बड़ी-बड़ी मैगजीन में दिखना, मशहूर डिजाइनर्स के लिए रैंप वॉक करना, दुनियाभर में पॉप्युलैरिटी पाना जैसी चीजें दूर से लगती तो बहुत अच्छी लगती हैं लेकिन इस चकाचौंध कर देने वाली दुनिया के कुछ डार्क सीक्रेट्स भी हैं जिन्हें दरवाजे के पीछे बंद रखने की कोशिश की जाती है।
कर्ज तले दबाना
मॉडलिंग की दुनिया छोड़ चुकी एक युवती ने बताया कि उन्हें छोटी उम्र में ही एक मॉडलिंग स्काउट सुनहरे सपने दिखाते हुए पैरिस लाया था लेकिन वहां पहुंचने के बाद उन्हें सोने के लिए सिर्फ एक चादर दी गई और फिर मॉडलिंग की दुनिया में एंट्री के लिए उन्होंने जब एजेंसी से लोन लिया तो वह कर्ज के चक्र में ऐसी फंसी कि उन्हें इससे उबरने में काफी समय लग गया। उसने बताया था कि कई लड़कियां इस चक्र से बाहर नहीं आ पाती हैं और इस कारण उनकी जिंदगी की हर चीज पर एजेंसी का कंट्रोल हो जाता है जो उनसे कुछ भी करवा सकती है।
सेक्स की डिमांड
मॉडल्स को लाया तो मॉडलिंग के लिए जाता है लेकिन उनसे इसके अलावा भी कई काम करवाए जाते हैं। बड़े बिजनेसमैन यंग लड़कियों के साथ दिखने के लिए पैसे देते हैं। वे पार्टी आयोजित करते हैं तो पैसे स्वीकार करने वाली एजेंसी की मॉडल्स को वहां जाना ही पड़ता है। इस दौरान पैसे देने वाले पुरुष का सेक्शुअल फेवर मांगना आम बात है। इस पर भी मॉडल्स अगर अपनी कंपनी से शिकायत करें तो उनकी सहायता करने की जगह उनसे खुद स्थिति संभालने के लिए कहा जाता है।
ड्रग्स
मॉडलिंग की दुनिया में ड्रग्स बेहद आम हैं। पेरेज़ ही नहीं बल्कि इस बारे में कई मॉडल्स अपने इंटरव्यू में खुलासा कर चुकी हैं कि कैसे पार्टीज में फ्री ड्रग्स प्रोवाइड करवाए जाते हैं। यहां तक कि कई बार मॉडल्स पर इन्हें लेने के लिए दबाव भी डाला जाता है। एक बार अगर मॉडल को इसकी आदत लग जाए तो फिर लत को पूरा करने के लिए वह कुछ भी करने को तैयार हो जाती है।
नाबालिग लड़कियों से न्यूड पोज
सुपर मॉडल रहीं कैरा डेलविग्न ने फैशन की दुनिया के सीक्रेट्स दुनिया के सामने लाते हुए बताया था कि 16 साल तक की मॉडल्स से न्यूड पोज देने के लिए कहा जाता है। नाबालिग होने पर भी उनके ऐसे फोटो खींचे जाने को कानून भी मॉडलिंग व फैशन के नाम पर इग्नोर कर देता है, जिससे इस तरह की चीजों को और बढ़ावा मिलता है। इस दबाव के कारण लड़कियों के पास दो ही रास्ते बच जाते हैं या तो वह इस डिमांड को मानें या फिर फैशन वर्ल्ड ही छोड़ दें।
यौन शोषण और ब्लैकमेलिंग
वहीं एक मॉडल ने यह भी खुलासा किया था कि कैसे फैशन की दुनिया में पैर जमाने के लिए मॉडल्स को यौन शोषण का शिकार होना पड़ता है। ऐसा करने वालों में फोटोशूट करने वाले फोटॉग्राफर्स, एजेंसी क्लाइंट, बिजनेसमैन, फैशन वर्ल्ड से जुड़े अन्य पुरुष तक शामिल हैं। सबसे बुरी स्थिति यह है कि अगर एजेंसी को इसके बारे में बताया जाए तो वे उल्टा ‘सहयोग करने’ की सलाह देते हैं। अगर मॉडल ऐसा करने से इंकार करे तो उसे उसके कर्ज याद दिलाने के साथ ही करियर बर्बाद करने की धमकी दी जाती है।
खाने में टिशू पेपर और रुई
ये बात जगजाहिर है कि फैशन की दुनिया में मॉडल्स से बेहद पतले होने की उम्मीद की जाती है। आजकल भले ही हेल्दी बॉडी को प्रमोट किया जा रहा हो लेकिन साइज जीरो के कॉन्सेप्ट से अभी तक इस इंडस्ट्री को मुक्ति नहीं मिली है। ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की मॉडल्स ने कुछ समय पहले इसे लेकर जब खुलासे किए तो दुनिया भी हैरान रह गई। उन्होंने बताया कि कैसे वजन घटाने और खुद को स्लिम बनाए रखने के लिए मॉडल्स खाने में टिशू पेपर और जूस में डूबी रुई खाती हैं।
ईटिंग डिसऑर्डर
एक ओर जहां दुनिया में कई लड़कियां एनोरेक्सिया और बुलिमिया जैसे ईटिंग डिसऑर्डर से लड़ने के लिए मेडिकल सहायता लेती हैं तो वहीं मॉडल्स इन बीमारियों के बारे में पढ़ते हुए इनके जरिए वजन कम करने की कोशिश करती हैं। इस तरह के ईटिंग डिसऑर्डर मॉडल्स के बीच में इतने कॉमन हैं कि वे जब एक-दूसरे से इस बारे में बात भी करती हैं तो किसी को हैरानी नहीं होती है।
-एजेंसियां
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