अफॉर्डेबल हाउसिंग सुनकर आपके दिमाग में क्या आता है? एक घर, जिसमें कम से कम दो कमरे होंगे या एक कमरा और एक हॉल होगा, साथ में एक किचन होगा, बाथरूम भी होगा और कुछ लोग तो बालकनी की भी ख्वाहिश रखते होंगे। तो इसके लिए आपको कम से कम 500-600 स्क्वायर फुट जगह तो चाहिए ही होगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हॉन्ग-कॉन्ग में अफॉर्डेबल हाउसिंग के नाम पर 220 स्क्वायर के फ्लैट भी मिलते हैं? अब आप खुद ही सोचिए उसमें कहां बेडरूम बनाएंगे, कहां किचन और कहां बाथरूम होगा। बालकनी का तो बलिदान ही देना पड़ेगा।
कार पार्किंग जितनी जगह में रहते हैं बहुत से लोग
हॉन्ग-कॉन्ग में रहना है तो या तो आपके पास बहुत सारे पैसे होने चाहिए या फिर कॉम्प्रोमाइज करना आना चाहिए। यहां फ्लैट्स की कीमत इतनी अधिक है कि माइक्रो और नैनो फ्लैट के कॉन्सेप्ट पर भी फ्लैट बन रहे हैं। ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक माइक्रो फ्लैट करीब 220 स्क्वायर फुट का होता है, जबकि नैनो फ्लैट 130 स्क्वायर फुट के करीब होता है। माइक्रोफ्लैट में आप एक बेड छोटी सी मेज और कुर्सी, इतना तो रख सकते हैं, लेकिन इससे ज्यादा नहीं। माइक्रोफ्लैट से आप ये तो समझ ही गए होंगे कि नैनोफ्लैट के बारे में तो सोच भी नहीं सकते, जिनका साइज एक कार पार्किंग जितना होता है।
क्या है यहां फ्लैट्स की कीमत?
हॉन्ग-कॉन्ग दुनिया की सबसे अधिक पॉपुलेशन वाली जगह है। ऐसे में यहां प्रॉपर्टी की डिमांड तो खूब है, लेकिन सप्लाई लिमिटेड है। 2010 से लेकर 2019 तक यहां फ्लैट्स की कीमतों में करीब 187 फीसदी का इजाफा हुआ है। यहां घरों की औसत कीमत भी 13 लाख डॉलर यानी करीब 10 करोड़ रुपये है। दिलचस्प है कि यहां पर न्यूनतम वेतन 4.82 डॉलर प्रति घंटा यानी करीब 350 रुपये प्रति घंटा है। यहां तक कि एक स्किल्ड व्यक्ति को भी 650 स्क्वायर फुट का एक घर खरीदने के लिए 21 सालों तक काम करना पड़ेगा, जो दुनिया में सबसे बड़ा आंकड़ा है।
नियमों में ढील के बाद बने ऐसे फ्लैट
इस अफॉर्डेबल हाउसिंग का अइडिया डेवलपर्स को 2015 के बाद आया, जब सरकार ने घर बनाने के नियमों को आसान बनाया। इससे पहले नेचुरल लाइट और वेंटिलेशन जरूरी था। साथ ही फायर सेफ्टी कोड के तहत किचन को एक दीवार के जरिए घर से अलग बनाना होता था, जिसमें खिड़की भी होती थी। नियम आसान होते ही ओपन किचन का कल्चर चल पड़ा और बिल्डर्स ने एक माइक्रो और नैनो फ्लैट बनाने शुरू कर दिए, जिन्हें अफॉर्डेबल हाउसिंग कहकर बेचा जाने लगा। ऐसे घरों में बाथरूम इतनी छोटे होते हैं कि कई बाथरूम में तो टॉयलेट शीट के ऊपर ही शॉवर होता है।
-एजेंसियां
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.