आगरा। आगरा कॉलेज के हॉकी मैदान और शहीद भगत सिंह छात्रावास की जमीन को लेकर आगरा कॉलेज के प्राचार्य एवं आगरा कॉलेज ट्रस्ट के पदेन सचिव डॉ. सीके गौतम ने यूपीएमआरसी पर ग़लत तरीके से कॉलेज की जमीन अधिग्रहित करने का आरोप लगाया है। साथ ही मुआवजा न देने पर कड़ी नाराज़गी जताई है। उन्होंने इस मामले में पूर्व प्राचार्य की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं।
प्राचार्य डॉ. गौतम ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मेट्रो रेल कारपोरेशन ने मेट्रो स्टेशन के निर्माण के लिए आगरा कॉलेज की काफी जमीन अधिग्रित तो कर ली है, लेकिन उसका अभी तक सही मुआवजा नहीं दिया है। इस बात को लेकर शिक्षकों में भी आक्रोश है। प्राचार्य ने चेतावनी दी है कि दो से तीन दिन में अगर उनकी सुनवाई नहीं हुई तो मेट्रो का कॉलेज की जमीन पर चल रहा काम रुकवा दिया जाएगा।
प्राचार्य प्रो. गौतम ने पूर्व प्राचार्य डॉक्टर अनुराग शुक्ला पर आरोप लगाया कि उन्होंने बिना प्रबंध समिति से अनुमोदन लिए कॉलेज की जमीन को मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को दे दिया था, जबकि यह जमीन सरकारी नहीं है। राजस्व रिकार्ड में इस जमीन का स्वामित्व आगरा कॉलेज ट्रस्ट के नाम दर्ज है। उनका यह भी कहना है कि जिस हिसाब से जमीन अधिग्रहीत की गई है, उसका करीब 100 करोड रुपए मुआवजा बन रहा है। मेट्रो रेल कॉरपोरेशन केवल 16 करोड रुपए मुआवजा देने का ही प्रस्ताव बना रहा है।
उन्होंने कहा कि मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने तहसीलदार के साथ मिलकर गलत खसरा नंबर पर कॉलेज की जमीन को दर्शा लिया है। प्राचार्य प्रोफेसर गौतम का कहना है कि मेट्रो परियोजना अधिकारियों द्वारा धोखाधड़ी से बिना समुचित प्रक्रिया के जमीन को हस्तांतरित करा लिया गया है। इसका विरोध किया जाएगा।
उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा किया कि आगरा कॉलेज प्राचार्य आवास के पीछे जो जमीन है, उस पर कुछ बांग्लादेशी रह रहे हैं। उन्होंने पुलिस प्रशासन से इनको हटाने की मांग की है।
पत्रकार वार्ता में प्रोफेसर भूपेंद्र चिकारा, प्रोफेसर केपी तिवारी, प्रोफेसर गौरव कौशिक आदि भी शामिल रहे।