सनग्लासेज जहां फैशन एक्सेसरीज के तौर पर पॉप्युलर है वहीं यह आंखों के प्रोटेक्शन का काम भी करते हैं। सनग्लासेज में शेप, साइज, कलर, लेंस के लिहाज से कई तरह के ऑप्शंस मिल जाते हैं लेकिन सस्ते के चक्कर में कई बार आपकी आंखों के लिए ये महंगे पड़ सकते हैं।
ऐसे चेक करें सन प्रोटेक्शन
सनग्लासेज के नाम से ही जाहिर हो रहा है कि ये आपको धूप से बचाने के लिए होते हैं। हालांकि इन्हें फैशन एक्सेसरीज के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। पैसों के लिहाज से भी सनग्लासेज में काफी वैरायटीज मिलती हैं लेकिन सस्ते सनग्लासेज आपकी जेब के लिहाज से भले ही ठीक हों परंतु आंखों पर इनका काफी खराब असर हो सकता है। सनग्लासेज में सबसे जरूरी फैक्टर अल्ट्रावायलट प्रोटेक्शन का होता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि जितनी ज्यादा कीमत होगी, यूवी प्रोटेक्शन भी उतना बेहतर होगा। सनग्लासेज खरीदें तो देखें कि इसमें सन ब्लॉकिंग परसेंटेज क्या है। 99 से 100 परसेंट यूवी ब्लॉक वाले सनग्लासेज ही चुनें। कुछ मैन्युफैक्चरर्स लेबल्स पर लिखते हैं, UV absorption up to 400nm इसका मतलब होता है 100 परसेंट यूवी प्रोटेक्शन।
डार्क चश्मे पहुंचा सकते हैं ज्यादा नुकसान
जिन सनग्लासेज में यूवी प्रोटेक्शन नहीं होता है वे बाहरी रोशनी से आंखों को बचाते तो हैं लेकिन इन्हें लगाकर धूप में ज्यादा देर रहना आंखों को काफी नुकसान पहुंचाता है। मान लीजिए आपके पास गहरे रंग का सस्ता चश्मा है। इसे लगाकर आप धूप में घूमते रहे तो इससे आपकी आंखों की पुतलियां धूप में ज्यादा खुल जाएंगी। यह चश्मा यूवी प्रोटेक्टेड नहीं है तो हानिकारक किरणें आंखों में ज्यादा प्रवेश करेंगी।
रैप-अराउंड
रैप-अराउंड सनग्लासेज आपकी आंखों को ज्यादा प्रोटेक्शन देते हैं। अगर आपका चश्मा आपकी आंखों को पूरी तरह से कवर कर रहा है तो इससे किसी भी ऐंगल से सूरज की किरणें आपकी आंखों तक नहीं पहुंचेंगी।
लेंस की क्वॉलिटी
शेडेड लेंस वाले सनग्लासेज से बचें। कहीं डार्क, कहीं लाइट शेड न लें। लेंस ठीक है या नहीं इसके लिए चश्मे को हाथ में पकड़कर थोड़ा दूर ले जाएं और इनसे देखने की कोशिश करें अगर आपको ऊंचा-नीचा या गड़बड़ दिखे मतलब लेंस में गड़बड़ी है।
ये भी रखें ध्यान
लोकल वेंडर्स कई बार सस्ते और आकर्षक चश्मे बेचते मिल जाएंगे लेकिन इनके चक्कर में न पड़ें। हमेशा अच्छी क्वॉलिटी और ब्रैंड का चश्मा खरीदें। किसी हाई-फाई प्राइस टैग के झांसे में भी न आएं, इसमें सन प्रोटेक्शन और क्वॉलिटी के सारे फैक्टर्स चेक कर लें।
-एजेंसियां