आगरा: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी महाराज का शहीदी पर्व बहुत ही श्रद्धा व प्रेम के साथ मनाया गया

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आगरा: साहिब श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी महाराज का शहीदी पर्व बहुत ही श्रद्धा व प्यार के साथ गुरुद्वारा माईथान में मनाया गया। इस अवसर पर सर्वप्रथम साहिब श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रकाश हुए, पावन नितनेम की बाणी के बाद हजूरी रागी भाई बिजेंदर सिंह ने गुरु की महिमा का बखान किया एवं गुरु तेग बहादुर साहिब जी की बाणी – जो नर दुख में दुख नहीं माने शबद का गायन किया उपरंत सुखमनी सेवा सभा के वीर महेंद्र पाल सिंह जी ने अपनी अमृतमई रचना द्वारा – जग रचना सब झूठ है जान ले हो रे मीत गुरु महाराज की इन पंक्तियों का बड़े ही सुंदर अंदाज में गायन किया और उसके बाद उन्होंने सीस दिया पर सिरर ना दिया इस शब्द को बहुत ही भावपूर्ण अंदाज में गायन किया और बताया कि गुरु तेग बहादुर पातशाह अडोल अवस्था के मालिक, बचनो के धनी थे ,त्याग की मूर्ति थे ,बैराग मय जीवन था उन्होंने जो कहा वह करके दिखाया जैसे किसी को तैरना सिखाना हो तो पहले खुद तैरना सीखना पड़ता है ऐसे ही गुरु जी ने मरने की बात की तो शहीद हो कर दिखाया तो गुरु महाराज का एक-एक बचन अनमोल था।

गुरुजी तिलक नहीं लगाते थे,जनेऊ नहीं पहनते थे, लेकिन तिलक जनेऊ की खातिर अपना बलिदान कर दिया जब कश्मीरी पंडित अपनी फरियाद लेकर गुरु महाराज के चरणो में पहुंचे तो गुरु महाराज ने हिंदू धर्म के खातिर अपने आप को शहीद कराकर हिंदू धर्म बचाया वह इस देश की आन बान शान की रक्षा की ।

तमाम जयकारों के बीच वीर महेंद्र पाल सिंह जी ने गुरु तेग बहादुर जी के जीवन से संबंधित अनेक वृतांत सुनाएं और इस अवसर पर तमाम संगत भावविभोर होकर कीर्तन का आनंद लेती रही ।

इससे पूर्व भाई बिजेंदर सिंह हजूरी रागी गुरूद्वारा माईथान ने तेग बहादुर के चलत भयो जगत महि सोग का गायन कर संगत को निहाल किया

समाप्ति के उपरांत गुरु के अतुट लंगर का वितरण हुआ कार्यक्रम का आयोजन गुरुद्वारा सिंह सभा माईथान की ओर से गुरुद्वारा के प्रधान सरदार कंवलजीत सिंह जी साथ ही ज्ञानी कुलविंदर सिंह जी का विशेष सहयोग रहा, जिन्होंने बहुत ही अच्छे ढंग से कार्यक्रम का संचालन किया व प्रधान कंवलजीत सिंह जी सरदार परमात्मा सिंह जी ने सभी का धन्यवाद दिया इस अवसर पर समन्वयक बंटी ग्रोवर,भाई संजय जटाना, गुरमीत सिंह सेठी, हरदीप सिंह डंग, सरदार जसवीर सिंह, हरपाल सिंह जस्सी, भाई हरमिंदर पाल सिंह बावा शेरी आदि मौजूद रहे

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