आगरा: 4०० साला बंदीछोड़ दिवस को समर्पित एक विशाल नगर कीर्तन जो कि ग्वालियर गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ से शुरू होकर शाम को गुरुद्वारा गुरु का ताल आगरा में पहुंचा। जहां पर आगरा के समूह गुरु नानक नाम लेवा संगत ने भव्य स्वागत किया।
फूलों की वर्षा और शब्द कीर्तन जयकारों की गूंज के बीच सारा माहौल भक्ति मय बन गया। सबसे पहले नगर कीर्तन करीब 4:00 बजे आगरा की सीमा रोहता पर पहुंचा।जहां बाबा प्रीतम सिंह जी की अगुवाई में समूह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी मधु नगर और समूह संगत ने मिलकर वहां पर फूलों की वर्षा के साथ ही लंगर प्रसाद की सेवा की।
उसके पश्चात नगर कीर्तन का स्वागत गुरुद्वारा सदर बाजार की ओर से सदर में स्टेडियम के सामने किया गया।उसके बाद प्रतापपुरा में दुग्गल पेट्रोल पंप पर गुरुद्वारा बालूगंज एवं गुरुद्वारा शहीद नगर की संगत द्वारा स्वागत किया गया। उसके पश्चात सुभाष पार्क पर अमृतवेला परिवार शाहगंज गुरुद्वारा शाहगंज की कमेटी द्वारा भव्य स्वागत हुआ। सेंट जॉन्स कॉलेज पर गुरुद्वारा नानक पाड़ा व गुरुद्वारा माई थान के प्रबंधक कमेटियों द्वारा भव्य स्वागत हुआ। उसके बाद गुरुद्वारा दमदमा साहिब पर भी नगर कीर्तन का भव्य स्वागत किया गया।
गुरुद्वारा गुरु का ताल पहुंचने पर सुखमनी सेवा सभा व अमृतवेला परिवार व अन्य गुरु नानक नाम लेवा साध संगत ने मिलकर बड़े जोश के साथ फूलों की वर्षा कर के और जयकारों के साथ नगर कीर्तन का स्वागत किया। इससे पूर्व दरबार हॉल में प्यारे वीर महेंद्र पाल सिंह जी का रसमई कीर्तन हुआ, जिसे वहां पहुंचे हुए तमाम गुरु प्यारी साध संगत ने सरवन कर अपने स्वास सफल किए। बाबा प्रीतम सिंह जी ने समूह गुरु प्यारी संगत का हृदय से धन्यवाद किया और ग्वालियर से नगर कीर्तन के साथ आए। महापुरुष संत बाबा सेवा सिंह जी व अन्य महापुरुषों का और संगत का अभिनंदन किया। समूह संगत ने उसके बाद लंगर ग्रहण किया।