आगरा: हज़रत पीर अलहाज तसद्दुक हुसैन अलमारूफ रमज़ान अली शाह चिश्ती साबरी रहमतुल्लाह अलैहे की बाइसवीं शरीफ की फातिहा ख्वानी बालूगंज में मनाई गई । जिसमे ईदगाह कटघर कब्रिस्तान स्थित दरगाह हज़रत पीर अलहाज तसद्दुक हुसैन अलमारूफ रमज़ान अली शाह चिश्ती साबरी रहमतुल्लाह अलैह के मजार शरीफ पर इत्र पाशी, चादरपोशी और गुलपोशी की गई । दरगाह के सज्जादानशीन पीरजादा विजय कुमार जैन ने मुल्क के अमन चैन और हाजरीन की फलाहियत की दुआ करते हुए कहा कि पीर अलहाज रमज़ान अली शाह चिश्ती साबरी ने अपना सारा जीवन सभी धर्मो के लोगों में प्यार , एकता और मुहब्बत कायम करने के लिए अर्पित कर दिया और गंगा यमुनी तहजीब की मिसाल कायम की है ।
आज भी आपके मजार शरीफ पर सभी धर्मो के लोग हाजिर होकर अपना दामन दुआ और फैज़ से भरते हैं । हज़रत के फैज़ से कोई भी आने वाला मायूस नही हुआ । आज भी उनके मजार शरीफ से फैज़ का दरिया जारी है और सभी हाजरीन अपने दामन को फैज़ से भरते हैं । मेरे पीर साहब ने हमेशा एक ही बात कहा करते थे ” सब धर्मो का हो सम्मान , मानव – मानव एक समान ।
फातिहा ख्वानी के बाद मशहूर शायर आली जनाब शाहिद नदीम अकबराबादी, सैय्यद तनवीर निजामी अकबराबादी ने अपने कलाम पेश किए । उसके बाद लंगर तकसीम किया गया ।
फातिहा ख्वानी में सर्वश्री सज्जादानशीन विजय कुमार जैन, अब्दुल सईद आगाइ, राकेश साबरी, हाफिज इस्लाम कादरी हाजी तव्वाब, सैय्यद खाबर हाशमी, अजहर उमरी, हाशिम साबरी, कासिम साबरी, रमज़ान खान साबरी, अनिल दीक्षित, अब्दुल सईद साबरी, जमील साबरी, बशीर साबरी, इरफान साबरी, उमेश चंदेल साबरी, रामदयाल साबरी आदि मौजूद रहे ।
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