आगरा। इन दिनों पूरा शहर वायरल फीवर और डेंगू फीवर की चपेट में आ चुका है। बाल रोग विशेषज्ञों का मानना है कि डेंगू अपने रौद्र रूप में है। जिला प्रशासन या फिर आगरा का स्वास्थ्य विभाग चाहे कुछ भी कहे मगर इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि डेंगू के रौद्र रूप के चलते प्रतिदिन कई बच्चों की मौत हो रही है जो एक बेहद चिंता का विषय है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ मुकेश भारद्वाज का कहना है कि डेंगू फीवर और वायरल फीवर में लगभग एक जैसे ही लक्षण पाए जाते हैं। पहले दिन बुखार आता है मगर जैसे-जैसे समय बीतता जाता है, वैसे वैसे लक्षणों में बदलाव आता है। पेट में दर्द, उल्टियां, सिर में दर्द के साथ बुख़ार हो जाता है और प्लेटलेट्स भी कम होने लगती हैं।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकेश भारद्वाज का मानना है कि इन दिनों शहर में जो चारों तरफ डेंगू का प्रकोप फ़ेल रहा है, उसकी चैन तोड़ना जरूरी है। इसके लिए शहरवासियों को डेंगू से सचेत होगा, साथ ही साफ सफाई पर ध्यान देना, कीटनाशक दवाई का छिड़काव करना बेहद आवश्यक है।
तेज बुखार के साथ तुरंत प्लेटलेट्स डाउन होने से बच्चों की मौतों में इजाफा हो रहा है। डॉ भारद्वाज का कहना है कि सरकार, मीडिया और चिकित्सक अपना कार्य कर रहे हैं। मगर शहर और परिवार को स्वस्थ रखने के लिए सोसाइटी को भी आगे आने की जरूरत है जिससे हम अपने परिवार और शहर को स्वस्थ रख सकें।
डेंगू होने पर बकरी का दूध और पपीते के पत्ते मरीज को खिलाने की सलाह पर डॉ मुकेश भारद्वाज का कहना है कि मेडिकल में अभी तक किसी भी रिसर्च में यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इन चीजों को लेने से प्लेटलेट्स बढ़ती है या मरीज को फायदा होता है लेकिन अभी तक इसके कोई खासा नुकसान भी नहीं देखने को मिले हैं। मगर साथ में एंटीबायोटिक दवाइयां और चिकित्सक के अनुसार इलाज भी बेहद जरूरी है।
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