आपने अक्सर सुना होगा कि कम सोना सेहत के लिए हानिकारक है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अधिक सोना भी सेहत के लिए उतना ही हानिकारक है। ना केवल शारीरिक बल्कि मानसिक सेहत पर भी हमें ज्यादा सोने के नुकनास झेलने पड़ते हैं।
अगर आप रोज 7-8 घंटे से ज्यादा सोते हैं तो आपको कई तरह की समस्याओं और बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए, इनमें से ही कुछ बीमारियों पर एक नजर डालते हैं…
9-10 घंटे रोज सोना भी हानिकारक
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि जो लोग हर रोज 9-10 घंटे सोते हैं, उन्हें भी नींद से जुड़ी कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। साथ ही जो लोग 7 घंटे से कम सोते हैं उन्हें भी कई हेल्थ प्रॉब्लम्स के साथ सुबह तरोताजा होकर ना उठ पाने की समस्या का सामना करना पड़ता है।
जल्दी मौत का कारण
13 वर्ष पुराने एक अध्ययन में यह बात सामने आई कि जो लोग बहुत अधिक सोते हैं, उनमें कम उम्र में मौत का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपको इस आदत के साथ ही डायबिटीज या हर्ट डिजीज भी है तो यह खतरा और अधिक बढ़ जाता है।
महिलाओं में खतरा
स्टडी में सामने आया कि जो महिलाएं हर रोज 9 से 11 घंटे सोती हैं, उनमें 8 घंटे सोनेवाली महिलाओं की तुलना में कोरॉनरी हर्ट डिजीज होने का खतरा कहीं अधिक बढ़ जाता है। हालांकि इसका कारण अभी तक सामने नहीं आ पाया है। यह स्टडी 72 हजार महिलाओं पर की गई।
सिरदर्द बना रहना
तय समस से अधिक सोनेवाले लोगों में सिरदर्द की शिकायत अक्सर बनी रहती है। ऐसा ब्रेन के न्यूरोट्रांसमीटर के प्रभावित होने से होता है। जो लोग दिन में अधिक सोते हैं, उनमें यह समस्या रात में सोनेवाले लोगों की तुलना में अधिक होती है।
मोटापा
एक अध्ययन में यह बात सामने आई कि जो लोग हर दिन 9-10 घंटे या इससे भी अधिक सोते हैं, उनमें इस आदत के लगातार 6 साल तक बने रहने पर मोटापे से ग्रसित होने की संभावना 21 प्रतिशत तक अधिक होती है, उन लोगों की तुलना में जो 6 से 8 घंटे सोते हैं।
डायबिटीज
सेहत से जुड़े कई अध्ययनों में यह बात सामने आ चुकी है कि अधिक सोने पर भी डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। द अमेरिकन डायबिटीज में पब्लिश हुई एक स्टडी में कहा गया है कि जो लोग अधिक समय तक सोते रहना चाहते हैं, जिनमें बेड से ना उठने की इच्छा बहुत तीव्र होती है, ऐसे लोगों में टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बहुत अधिक होता है।
डिप्रेशन
हालांकि अनिद्रा की शिकायत आमतौर पर अवसाद से संबंधित होती है। डिप्रेशन से पीड़ित लगभग 15 प्रतिशत लोग बहुत अधिक सोते हैं। अधिक सोना उनकी स्थिति को और अधिक गंभीर बना देता है। यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो पेशंट को रिकवरी में दिक्कत आती है।
-एजेंसियां
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