फिल्म जगत में करियर बनाने वाले युवा को तकनीशियन के साथ एक आर्टिस्ट होना भी जरूरी: सुभाष घई

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फरीदाबाद। मीडिया एंड एंटरटेनमेंट के क्षेत्र में एकीकृत कौशल और अप्रेंटिसशिप के जरिये इस क्षेत्र में युवाओं को हुनरमंद बनाने को लेकर विचार विमर्श के लिए मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्किल्स काउंसिल (Media and Entertainment Skills Council) MESC द्वारा तीन दिवसीय वर्चुअल मंथनः द इंपेकैबल अकादमिया सीरीज के तहत आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 20 से अधिक वक्ताओं ने हिस्सा लिया।

बतौर मुख्य वक्ता के तौर पर एमईएससी के चेयरमैन व फिल्म निर्माता सुभाष घई ने युवाओं को बेहतर भविष्य के लिए कम्यूनिकेशन स्किल पर अधिक फोकस करने की सलाह दी। सुभाष घई ने एमईएससी के मासिक पत्रिका मीडिया टॉक बैक को जारी करते हुए कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में फिल्म जगत में करियर बनाने वाले युवा को तकनीशियन के साथ एक आर्टिस्ट होना भी जरूरी है और इसी तरह आर्टिस्ट को तकनीक भी जानकारी जरूरी है। Whistling Woods International के वाइस प्रेसिडेंट चैतन्य चिंचिलकर ने मीडिया और मनोरंजन के अध्ययन में होने वाले बदलाव के बारे में बताया।

बतौर वक्ता मौजूद मैसूर विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. जी हेमंथा कुमार ने उच्च शिक्षा में कौशल उन्मुख और शिक्षुता एंबेडेड मीडिया और मनोरंजन कार्यक्रम को एकीकृत करने के महत्व पर अपने विचार साझा किए। झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के डीन प्रो. देवव्रत सिंह ने कहा कि देश के छोटे शहरों में बड़े संस्थानों की प्रतिभागिता जरूरी है। इससे अच्छी सामग्री बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि एकरसता को तोड़ने में भी मदद मिलेगी।

जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं न्यू मीडिया के विभागाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों के विकास से मानव कल्याण का विकास होगा। दून विश्वविद्यालय के मीडिया एंड कम्यूनिकेशन स्टडीज स्कूल के सहायक प्रोफेसर जूही प्रसाद ने कहा कि छात्रों को मीडिया अध्ययन के साथ नए सॉफ्टवेयर और उपकरणों की शिक्षा देना भी जरूरी है। इसके साथ ही इंडस्ट्री के साथ मिलकर युवाओं को प्रैक्टिकल जानकारी देने की जरूरत है। कार्यक्रम के अंत में एमईएससी के सीईओ मोहित सोनी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।