गिलोय की तासीर प्राकृतिक रूप से गर्म होती है इसलिए ठंड से संबंधित बीमारियों से बचने में इसका उपयोग अधिक किया जाता है। गिलोय लगभग सभी तरह के ज्वर यानी फीवर और सर्दी-जुकाम में लाभदायक होता है। खासतौर पर डेंगू में घटती प्लेटलेट्स को कंट्रोल करने का काम गिलोय बहुत जल्दी करता है।
एक स्वस्थ व्यक्ति यदि सही तरीके से गिलोय का सेवन करे तो उसे किसी भी तरह का रोग होने की संभावना नगण्य हो जाती है। गिलोय को गुडुची नाम से भी जाना जाता है। यह एक बेल होती है, जिस पर पान जैसी शेप का डार्क ग्रीन पत्ता आता है। यह डेंगू फीवर का एक बेजोड़ इलाज है और रोगी को जल्दी ठीक करने में मदद करता है। बुखार उतारने से लेकर हड्डियों का दर्द दूर करने तक यह एक पौधा कई गंभीर बीमारियों से बचाता है। यह एक आयुर्वेदिक औषधि है और सदियों से इसका उपयोग रोगों के निदान में किया जा रहा है।
गिलोय की खूबियां
गिलोय में एंटिऑक्सीडेंट्स, एंटिइंफ्लामेट्री प्रॉपर्टीज होती हैं। इसमें ग्लूकोसाइड, फास्फोरस, कॉपर, कैल्शियम, जिंक और मैग्निशियम जैसे मिनरल्स भी होते हैं। जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखते हैं और रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं।
जीवन रक्षक गिलोय
डेंगू में सबसे अधिक फायदेमंद होता है गिलोय क्योंकि इस जानलेवा फीवर के कारण हमारे शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगती हैं, जिसकी वजह से रोगी का जीवन संकट में आ जाता है। गिलोय का सेवन यदि डेंगू का पेशंट फीवर के बारे में जानकारी मिलते ही शुरू कर दे तो गंभीर स्थिति में जाने से बच सकता है।दरअसल, डेंगू बुखार जानलेवा होता ही इसलिए है क्योंकि इसमें ब्लड प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगती हैं। गिलोय का सेवन प्लेटलेट्स की संख्या को तेजी से बढ़ाता है।
डायबीटीज से बचाए
ब्लड में बढ़ते हुए शुगर लेवल को मैनेज करने का काम गिलोय करता है। गिलोय का सेवन करने से डायबीटीज जैसे खतरनाक रोग भी दूर रहते हैं। अगर किसी की लाइफस्टाइल बहुत अस्त-व्यस्त रहती है तो वे गिलोय का सेवन कर अपना डायजेशन और बीपी सही रख सकते हैं।
स्किन प्रॉब्लम्स से बचाए
नियमित रूप से गिलोय का सेवन करने वाले लोगों में त्वचा संबंधी समस्याएं बेहद कम होती हैं। साथ ही उनकी स्किन स्मूद और सॉफ्ट रहती है। क्योंकि गिलोय के औषधीय गुण पाचन तंत्र को सही रखते हैं और ब्लड शुगर को मेंटेन करते हैं। अंदरुनी अच्छी सेहत का असर हमारी त्वचा पर नजर आता है।
गिलोय के सेवन से जुड़ी जरूरी बातें
– गिलोय के तने और पत्तों को सुखाकर इनका पाउडर बनाया जाता है। गिलोय की गोली भी आयुर्वेदिक दवाई के रूप में उपयोग की जाती है। बुखार में गिलोय का सेवन काढ़ा, रस या पाउडर के रूप में करना चाहिए। ताकि शरीर को इसका पूरा पोषण कम समय में मिल सके।
-हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार एक दिन में 1 ग्राम से अधिक गिलोय का उपयोग नहीं करना चाहिए।
-अगर आपका डायजेस्टिव सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा है या पेट गड़बड़ है तो गिलोय का सेवन ना करें।
– जिन लोगों को ब्लड प्रेशर या ब्लड शुगर से जुड़ी समस्याएं रहती हों, उन्हें बिना वैद्य की सलाह के गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।
-प्रेग्नेंट महिलाओं को भी गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि गिलोय का सेवन करने पर ब्लड शुगर काफी लो हो सकता है। या अधिक यूरिन होने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
-एजेंसियां