अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो चुका है। काबुल पर कब्जे के बाद अफगानी फिल्म डायरेक्टर साहरा करीमी ने दुनिया भर के फिल्म जगत को खत लिखा है। मौजूदा हालात से आहत साहरा लिखती हैं कि मैं अफगानिस्तान की फिल्म निर्देशक हूं। टूटे दिल से गुजारिश करती हूं कि आप अफगानिस्तान के मासूम लोगों के लिए मेरा साथ देंगे।
तालिबानी बेगुनाह लोगों को मार रहे हैं। कई इलाकों पर उन्होंने कब्जा कर लिया है। घरों को वे लूट रहे हैं। महिलाओं और बच्चों को भी नहीं छोड़ रहे हैं। एक इतिहासकार, कवि, संस्कृति विभाग के प्रमुख और एक हास्य कलाकार को उन्होंने मौत के घाट उतार दिया है। हालात भयावह हैं। इंसानियत रो रही है और तालिबान ठहाके लगा रहे हैं। मैं चाहती हूं कि ऐसे समय में आप हमारा साथ दें।
मुझे समझ नहीं आ रहा है कि दुनिया भर के मानवाधिकार संगठन क्यों चुप हैं?
क्या तालिबान से उन्होंने कोई समझौता कर रखा है कि वे बोलेंगे नहीं?
यदि ऐसा रहा तो कला के क्षेत्र पूरी तरह बंद हो जाएंगे। सभी कला जगत के लोग उनके निशाने पर हैं। महिलाओं से सारे अधिकार छीन कर उन्हें घरों में कैद कर दिया जाएगा। लड़कियों को पढ़ने नहीं दिया जाएगा। कई लड़कियां यूनिवर्सिटीज में पढ़ रही हैं जो कि बंद हो जाएंगी।
उम्मीद है कि साहरा की इस चिठ्ठी का कोई असर होगा। कोई कुछ बोलेगा। हालात सुधारने की कोशिश करेगा। फिलहाल तो अफगानिस्तान में सारी बातें हाथ से निकलती जा रही हैं।
-एजेंसियां