खजुराहो। 10वां खजुराहो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा के लिए एक प्रतिष्ठित मंच है। हर साल यहां नई और अनोखी फिल्मों को प्रदर्शित किया जाता है। दसवा खजुराहो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल राजेश खन्ना जी को समर्पित हैं इस बार शॉर्ट फिल्म ‘व्युत्क्रमण’ और:पिता का दर्द’ ने अपनी अनोखी कहानी से फिल्म फेस्टिवल में दर्शकों के बीच अपनी अलग पहचान बनाई।
विवेक शर्मा और धीरज खंडेलवाल द्वारा निर्देशित फिल्म ‘पिता का दर्द’ और ‘व्युत्क्रमण’ 9 दिसंबर 2024 को फेस्टिवल में प्रदर्शित की गई थी, जिसे आयोजक राजा बुंदेला, सुष्मिता मुखर्जी, रोहतास गौड़, राम बुंदेला और दर्शकों से काफी सराहना मिली। निर्देशक विवेक शर्मा ने पिता का दर्द फिल्म के माध्यम से बताया कि आजकल छोटे बच्चों के साथ में जो गलत काम किया जा रहा है और निर्मम हत्या की जा रही है। मां अपनी आंसू बहा कर अपने आप को हल्का कर लेती है लेकिन पिता के दर्द को कोई भी नहीं समझ पाता है। पिता अपने आंसुओं को अपने अंदर ही समाये रहता है। मानसिक विक्षिप्त हो जाता है।
इस फिल्म के माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया गया है हमें अपने छोटे-छोटे बच्चों पर ध्यान देना है। यह भी विशेष देखना है कि आज पड़ोस में रहने वाले पड़ोसी कर्मचारियों, स्कूल के ड्राइवर पर विशेष नजर रखनी है जिससे छोटे-छोटे बच्चों के साथ जो घटनाएं हो रही हैं उन्हें रोका जा सके। वहीं निर्देशक धीरज खंडेलवाल ने बताया कि यह फिल्म समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार जैसे मामलों पर व्यंग है हम अंग्रेजों से तो आजाद हो गए लेकिन आज भी हम भ्रष्टाचार जैसी बीमारियों के गुलाम है हमें इनसे आजाद होना है तो सबसे पहले खुद में बदलाव लाना होगा।
फिल्म को मिले इस सम्मान से न केवल धीरज खंडेलवाल और विवेक शर्मा की पहचान बढ़ी है, बल्कि यह उनकी आगामी फिल्मों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
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