चुनाव में पोषित मीडिया के जरिये अपने पक्ष में माहौल बनाने में नाकाम बीजेपी
-सोनिका मौर्या-
इसमें कोई शक नहीं कि मीडिया मैनेज करने उसे अपना “पालतू” बनाने में बीजेपी टॉप पर है। वह अपनी साख बचाने और धाक जमाने के लिये मीडिया की वह जमात बना लिया है जो उसके एक इसारे पर किसी को काटने और उस पर भोकने के लिये 24 घण्टे तैयार रहते हैं। बीजेपी दफ्तर के आगे “जी जी” करते हैं। बदले में वह बीजेपी से पेडिग्री टाईप का पैकेज पाते हैं।
फिलवक्त चुनाव का मौसम है तो बीजेपी ने चरणचाटू मीडिया को लगा दिया है काम पर। उत्तर प्रदेश में पांच साल मनमानी करने के बाद बीजेपी फिर से यूपी की सत्ता हासिल करने के लिये हर हथकंडों को आजमाने से नहीं चूक रही है। इसमें बड़ा रोल निभाते हुये बीजेपी को बढ़ते हुए बता रही है। बीजेपी के पक्ष में पॉजिटिव खबरों को ढूंढ ढूंढ कर ला रही है। यहां तक कि हर उस खबर को प्रश्रय दे रही है जिससे ध्रुवीकरण को बल मिले। साथ ही विपक्षी दलों के बारे नकारात्मक खबरों को बढ़ा चढ़ाकर दिखा रही है।
जिससे जनता का झुकाव बीजेपी की तरफ हो। इसके लिये योगी मोदी सरकार का अप्रत्यक्ष बखान के साथ उनके बयानों को ऐसे अट्रैक्टिव तरीके से हेडलाइन्स में जगह दे रही है, जैसे बीजेपी सरकार न आयेगी तो देश-प्रदेश में जलजला आ जायेगा। मगर लाख जतन औऱ अरबों घोटने के बाद भी मीडिया बीजेपी के पक्ष में माहौल नही बना पा रही है। इसकी वजह यह है कि फ्रंट लाइन मीडिया ने अपने फायदे के लिये अपनी विश्वसनीयता की बलि दे दी है।
वर्षों से मोदीजी योगीजी के बेसिरपैर की भौकाल और पकिस्तान चीन हिन्दू मुसलमान देखते आ रही जनता अब ऊब चुकी है। अब वह मंदी महंगाई बेरोजगारी से इस कदर त्रस्त है कि मीडिया के मायाजाल और बीजेपी का हर चाल बेकार होता जा रहा है। सोचिये अगर बीजेपी ने वाकई धरातल पर कुछ काम किया होता तो आज उसे राम राष्ट्र या ध्रुवीकरण जैसी नीतियों को उछालने जरूरत नही होती। पांच साल मीडिया के सहारे अपनी छवि चमकाने के बाद अब फिर से मीडिया के जरिये यूपी फतह का सपना पाले बीजेपी को शिकस्त मिलने की पूरी गुंजाइश है। शायद यह लोकतंत्र की ख्वाहिश है।
-सोनिका मौर्या-
-up18 News
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