उत्तर प्रदेश सरकार ने 22 मार्च से शुरू हो रही चैत्र नवरात्रि के दौरान मंदिरों और शक्तिपीठों में विशेष अभियान चलाए जाने का एलान किया है.
यूपी सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार नवरात्री के दौरान मंदिरों और शक्तिपीठों में अखंड रामायण और दुर्गा सप्तशती का पाठ कराने के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी कराया जाएगा.
उत्तर प्रदेश की सरकार इस अभियान के लिए सभी ज़िलों को एक-एक लाख रुपये भी मुहैया कराएगी. ये राशि यूपी के संस्कृति विभाग की ओर से ज़िला पर्यटन एंव सांस्कृतिक परिषद को दी जाएगी.
ज़िलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को जारी इस निर्देश में कहा गया है कि मंदिरों और शक्तिपीठों में होने वाले इन आयोजनों में महिलाओं और बच्चियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए. साथ ही इन कार्यक्रमों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित करना होगा.
इस निर्देश के अनुसार शक्तिपीठों और देवी मंदिरों में पर्यटन विभाग या अन्य विभाग के कराए गए विकास और बुनियादी सुविधाओं से जुड़े कामों का प्रिंट और सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार भी करना है. साथ ही मंदिरों में इससे संबंधित होर्डिंग्स भी लगानी हैं.
सभी संबंधित अधिकारियों को 21 मार्च तक अपनी तैयारियों की जानकारी संस्कृति विभाग को देनी है. कार्यक्रमों की तस्वीरें, जानकारी भी संस्कृति विभाग के पोर्टल पर उपलब्ध करानी है.
उत्तर प्रदेश के धर्मार्थ कार्य विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम के मुताबिक़, यह हम हर साल आयोजित करते हैं. इससे पहले इसका नाम था मिशन शक्ति था. इससे महिला सशक्तीकरण का सन्देश जाता है और उनका सम्मान होता है. इसे धार्मिक नहीं, आध्यात्मिक नज़रिये से देखना चाहिए. अध्यात्म से सकारात्मकता और इंसानियत का प्रचार होता है.”
मुकेश मेश्राम ने बताया कि “धर्मार्थ कार्य के अंतर्गत उत्तर प्रदेश सरकार रामायण कॉन्क्लेव, संत समागम, माघ मेला, बुद्धा कॉन्क्लेव जैसे कार्यक्रम भी आयोजित करती है. हम लोग सूफी फेस्टिवल, देवा (देवा शरीफ) महोत्सव का भी आयोजन करते हैं. और इस कार्यक्रम के तहत हम दीपोत्सव के साथ शुरू हुए रामायण कॉन्क्लेव का समापन भी करते हैं.”
एक-एक लाख रुपये मुहैया कराने पर मुकेश मेश्राम ने बताया कि “उत्तर प्रदेश में हमारे पास बड़ी संख्या में कलाकार हैं और यह उनके लिए आय का साधन बनेगा.”
उन्होंने बताया कि “वाल्मीकि रामायण में राम की एक परिकल्पना राष्ट्र निर्माण की भी है, जिसमें हर नागरिक को समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों और कर्तव्यों का एहसास होना चाहिए. इससे सोशल हारमनी भी विकसित करेगा और राष्ट्र निर्माण भी होगा.”
Compiled: up18 News
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