पानीपत। यमुना प्रदूषण मुक्ति जन-अभियान की 13 सदस्यीय टीम आज सुबह 7 बजे हथिनी कुंड बैराज का मुआयना कर वहां से लैबोरेट्री जांच हेतु यमुना जल का सैंपल लेने के बाद नुक्कड़ सभाओं का आयोजन करते हुए पानीपत के ‘निर्मला देशपांडे संस्थान’ पहुंची। यहाँ संचालित स्ट्रीट चिल्ड्रन स्कूल की प्रधान अध्यापिका पूजा सैन्य एवं अन्य स्टाफ ने दल का स्वागत किया और यमुना प्रदूषण मुक्ति के अभियान को समर्थन दिया।
यहाँ आयोजित सभा को संबोधित करते हुए महिला एकता मंच की कौशल्या ने कहा कि यमुनोत्री से निकलने वाली निर्मल, स्वच्छ यमुना के जल में औद्योगिक कचरे, सीवर के पाइप, व गंदगी डालकर बुरी तरह से प्रदूषित किया गया है।
समाजवादी लोक मंच के राजेंद्र सिंह ने कहा कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत यमुना की सफाई के लिए 4 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं तथा पिछले 30 सालों में कुल मिलाकर 7 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है। यह सरकारी लापरवाही का स्पष्ट नमूना है कि जनता की गाढ़ी कमाई का इतना बड़ा हिस्सा खर्च किए जाने के बावजूद भी यमुना साफ होने की जगह और ज्यादा प्रदूषित हो गई है।
अभियान के संयोजक सौरभ चतुर्वेदी ने हरियाणा की खट्टर सरकार से मांग की कि यमुना में गिर रहे सभी प्रकार के गंदे नाले तथा औद्योगिक कचरे को यमुना नदी में गिराए जाने पर तत्काल रोक लगाई जाए तथा ट्रीटमेंट किए बगैर किसी भी तरह के सीवरेज व औद्योगिक कचरे को यमुना में गिराए जाने को गैर कानूनी अपराध घोषित किया जाए।
इस अभियान में उषा पटवाल, ललिता रावत, सरस्वती, मुनीष कुमार, उपेंद्र नाथ चतुर्वेदी, योगेश सिंह, गोपाल लोदियाल समेत एक दर्जन लोग शामिल हैं।
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