भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 7 जून से WTC फाइनल होना है। भारत दूसरी बार फाइनल में पहुंचा है। उसे 2021 में न्यूजीलैंड से हार मिली थी। यह विडंबना है कि पिछली बार भारत के दो चैंपियन स्पिन-गेंदबाजी ऑलराउंडर आर. अश्विन और रविंद्र जडेजा दोनों ही 2021 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ साउथेम्प्टन में खेले थे। भारत उस टेस्ट में 8 विकेट से हार गया था और इन दोनों स्पिनरों को उतारने के उनके फैसले की काफी आलोचना हुई। यही वजह है कि टीम इंडिया की प्लेइंग-11 को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।
अश्विन ने तब पहली पारी में 15 ओवरों में 18 रन देकर 2 और दूसरी पारी में 10 ओवर में 17 रन देकर 2 विकेट झटके। जडेजा ने पहली पारी में 7.2 ओवर में एक विकेट लिया और दूसरी पारी में आठ ओवर गेंदबाजी की। अब जब भारत फिर इंग्लैंड में फाइनल खेलने को तैयार है तो उसी तरह की दुविधा का सामना कर रहा है।
ओवल में कैसा है पेस और स्पिन का रिकॉर्ड
दरअसल, स्टीव स्मिथ ने ओवल पिच को स्पिन-फ्रेंडली और भारत जैसी स्थिति बताया है, लेकिन क्या यह वास्तव में स्पिन के अनुकूल होगा? दिलचस्प बात यह है कि ओवल में जून में कभी टेस्ट नहीं हुआ। पिछले 10 टेस्ट में तेज गेंदबाजों ने 2413. 3 ओवर फेंके हैं, जिसमें 57. 4 के स्ट्राइक-रेट से 252 विकेट लिए हैं, जबकि स्पिन का उपयोग केवल 741 ओवरों में किया गया। 68 विकेट ही स्पिन के खाते में है।
अश्विन-जडेजा दोनों या किसी एक को मिले मौका?
भारत को क्या करना चाहिए? अश्विन और जडेजा दोनों को चुनें? या उनमें से एक को खिलाए? विदेशों में जडेजा को अश्विन से अधिक पसंद किया गया है। 2020 के बाद से उनकी बैटिंग को X फैक्टर के रूप में देखा जाता रहा है। तमिलनाडु के पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर और अश्विन के पूर्व कोच सुनील सुब्रमण्यन ने स्वीकार किया कि यह सीधे-सीधे कॉल नहीं होगा। उन्होंने कहा- अगर दोनों अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं, तो आप दोनों को खेलने के लिए देख सकते हैं। लेकिन अगर मौसम का पूर्वानुमान निराशाजनक है, तो आपको तीन टॉप कटिगरी के तेज गेंदबाजों की जरूरत है। सिर्फ मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज ही वहां फिट बैठते हैं।
आखिरी बार गिरी थी अश्विन पर गाज
जब भारत ने आखिरी बार साउथेम्प्टन में विराट कोहली और रवि शास्त्री की कप्तान-कोच जोड़ी के तहत डब्ल्यूटीसी फाइनल खेला था उस समय अश्विन ने अच्छा प्रदर्शन किया था, जबकि जसप्रीत बुमराह का खराब प्रदर्शन टीम की हार का सबसे बड़ा कारण बना था। उनके खाते में एक भी विकेट नहीं थे। इसके बाद अश्विन को इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में बेंच पर बिठा दिया गया था।
भारत के सामने सबसे बड़ी मजबूरी
हालांकि इस बार बुमराह की अनुपस्थिति में सीम-बॉलिंग विभाग कमजोर होने की वजह से यह संभव है कि प्लेइंग इलेवन में अश्विन और जडेजा को मौका मिले। आईसीसी से बात करते हुए शास्त्री ने कहा, ‘चार तेज गेंदबाज, एक ऑलराउंडर। इंग्लैंड में यह एक अच्छी टीम है। यह रोहित शर्मा के लिए ठीक रहेगा, लेकिन अगर आपके पास पेसर्स की कमी है तो दूसरे स्पिनर पर दांव लगाना पड़ेगा। अगर ट्रैक हार्ड और ड्राई है, तो आपको दो स्पिनर चाहिए होंगे।’
शार्दुल ठाकुर के पक्ष में सुब्रमण्यन
दूसरी ओर, सुब्रमण्यन को लगता है कि भारत को शार्दुल को चुनना होगा। उन्होंने कहा- आपको निचले क्रम में अच्छी बल्लेबाजी करने के लिए किसी की जरूरत है और उसके पास एक अच्छा विदेशी रिकॉर्ड है, जिसने जोहानिसबर्ग में दक्षिण अफ्रीका (जनवरी 2022) के खिलाफ 7 विकेट लिए थे। उनका यह भी मानना है कि चौथा गेंदबाजी विकल्प बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकत या उमेश यादव के बीच एक तेज गेंदबाज हो सकता है।
दिनेश कार्तिक भी 4-1 के पक्ष में
विकेटकीपर दिनेश कार्तिक ने महसूस किया था कि भारत ने दो स्पिनरों को खिलाकर गलती की है। सुब्रमण्यम भी ऐसा ही महसूस करते हैं। उन्होंने कहा- अंग्रेजी परिस्थितियों में यदि आपके पास चार-मैन पेस अटैक है, तो 4-1 कॉम्बो की कोशिश की जा सकती है। लेकिन नेट्स में अगर वे देखेंगे कि सिर्फ शमी और सिराज ही अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं तो वे शार्दुल के साथ जाने और अश्विन और जडेजा दोनों को खेलने पर मजबूर हो जाएंगे।
अश्विन और जडेजा दोनों को खिलाने के पक्ष में रिकी पोंटिंग
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग को भी लगता है कि भारत अश्विन और जडेजा दोनों खेलेंगे। उन्होंने कहा- जडेजा नंबर 6 पर बैटिंग कर सकते हैं। वह आवश्यकता पड़ने पर कुछ ओवर फेंक सकते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि जडेजा की तुलना में अश्विन अधिक कुशल और बेहतर टेस्ट गेंदबाज हैं। लेकिन अगर जडेजा को रखते हैं तो चौथे और पांचवें दिन टर्न लेती गेंदों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।
Compiled: up18 News
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