आगरा के सिकंदरा स्थित के.आर नगर के एक पार्क में इजिप्शियन वल्चर (गिद्ध) गंभीर हालत में मिला। वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने गिद्ध को रेस्क्यू किया, जिसे वर्तमान में पशुचिकित्सकीय देखरेख में रखा गया है। के.आर नगर, सिकंदरा के निवासी अपनी आवासीय सोसायटी के पार्क में अचेत अवस्था में पड़े गिद्ध को देखकर चौंक गए। इजिप्शियन वल्चर की सेहत को लेकर चिंतित, उन्होंने तुरंत हेल्पलाइन नंबर (+91-9917109666) पर वाइल्डलाइफ एसओएस से संपर्क साधा।
एनजीओ द्वारा दो सदस्यीय बचाव दल को तुरंत भेजा गया, जो आगरा शहर में संकटग्रस्त जंगली जानवरों की सहायता हेतु एनिमल एम्बुलेंस सेवाएं प्रदान करती है। स्थान पर पहुचते ही, उन्होंने पुष्टि की कि पक्षी एक इजिप्शियन वल्चर था। उन्होंने तुरंत ही गिद्ध को सावधानीपूर्वक संस्था की ट्रांजिट फैसिलिटी में स्थानांतरित कर दिया।
वाइल्डलाइफ एसओएस पशु चिकित्सकों द्वारा एक विस्तृत जांच से पता चला कि पक्षी के दोनों ही पैरों के बीच के पंजे नहीं हैं और वह अत्यधिक तनाव में है। गिद्ध वर्तमान में संस्था की गहन उपचार और देखभाल में रखा हुआ है और पूरी तरह से ठीक होने पर उसे वापस उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया जाएगा।
वाइल्डलाइफ एसओएस की पशु चिकित्सा सेवाओं के उप-निदेशक, डॉ इलियाराजा ने कहा, “युवा इजिप्शियन वल्चर (गिद्ध) छोटी उड़ानें भरते हैं और अक्सर सुरक्षित क्षेत्रों में आराम करने के लिए रुकते हैं। यह गिद्ध अत्यधिक तनावपूर्ण स्थिति में है और इसके दोनों ही पैरों के बीच के पंजे नहीं हैं, जो एक पुरानी चोट लगती है। हम आवश्यक दवा और गहन देखभाल प्रदान कर रहे हैं।”
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “इजिप्शियन वल्चर एक दुर्लभ रैप्टर है, जो हमारे इकोसिस्टम में अभिन्न भूमिका निभाते हैं। इन गिद्धों को शिकार में तेजी से गिरावट एवं मृत जानवरों के अवशेषों में मौजूद ज़हरीले पदार्थ से अधिक खतरा बना रहता है। हमारी टीम गिद्ध को सभी अनिवार्य चिकित्सकीय उपचार दे रही है, जिससे वह जल्दी ही सुरक्षित रूप से स्वस्थ हो सके।”
इजिप्शियन वल्चर सम्पूर्ण गिद्ध प्रजाति में आकार में सबसे छोटे होते हैं। इजिप्शियन वल्चर को इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) की रेड लिस्ट में लुप्तप्राय प्रजातियों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।