पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में ईडी पर हमले और महिलाओं से यौन उत्पीड़ने के आरोपों में घिरे शाहजहां शेख पर कलकत्ता हाईकोर्ट का कड़ा रुख सामने आया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की गिरफ्तारी के बाद पेश हुए वकील के तत्काल सुनवाई के अनुरोध को खारिज कर दिया। कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कठोर टिप्पणी की और कहा कि हमें शाहजहां शेख से कोई हमदर्दी नहीं है। पश्चिम बंगाल पुलिस ने शाहजहां शेख को 55 दिन के लंबे इंतजार के बाद 28 फरवरी की रात को अरेस्ट किया था।
शाहजहां शेख के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि जब शाहजहां को गिरफ्तार किया गया था तब उनकी अग्रिम जमानत याचिका लंबित थी और उन्होंने अदालत से मामले की सुनवाई करने का अनुरोध किया। चीफ जस्टिस ने तत्काल सुनवाई से मना कर दिया। शाहजहां शेख के वकील की तरफ से अग्रिम जमानत याचिका लंबित होने के बाद भी गिरफ्तारी और कोर्ट की टिप्पणियों पर सुनवाई की मांग रखी गई थी।
जल्द सुनवाई से किया मना
चीफ जस्टिस टीएस शिवगणम की अध्यक्षता वाली पीठ ने संकेत दिया कि वह उस दिन मामले की सुनवाई के लिए इच्छुक नहीं है। पीठ ने शाहजहां शेख के वकील को 4 मार्च को वापस आने के लिए कहा। ईडी पर हमले, राशन घोटाले और महिलाओं से यौन उत्पीड़न के मामलों का सामने कर रहे शाहजहां शेख की गिरफ्तारी हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद हुई है। हाई कोर्ट ने कहा था कि शाहजहां शेख को कोई भी एजेंसी अरेस्ट कर सकती है।
शाहजहां शेख की गिफ्तारी के कुछ घंटों के बाद जब उसके वकील कोर्ट में पहुंचे तो चीफ जस्टिस ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा वंडरफुल…हम आपका ही इंतजार कर रहे थे। शाहजहां शेख के वकील की तरफ से जल्द सुनवाई की मांग गई तो चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली खंडपीठ ने साफ कहा कि हमें शाहजहां से कोई हमदर्दी नहीं हैं।
कोर्ट का कहना था कि शाहजहां पर 42 मुकदमे हैं। इसलिए सुनवाई के बाद ही जमानत पर फैसला होगा। ईडी पर हमले के बाद केंद्रीय एजेंसियों की तरफ से शाहजहां शेख को कई समन जारी किए गए थे, लेकिन शेख फरार रहा था। शेख की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ही संदेशखाली में प्रदर्शन शुरू हुए थे। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा था।
-एजेंसी