दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी(आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने वाले आप के पूर्व विधायक और दिल्ली के पूर्व मंत्री संदीप कुमार पर दिल्ली हाई कोर्ट ने 50 हजार का जुर्माना लगाया।
एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत पी एस अरोड़ा की बेंच ने कुमार की याचिका खारिज करते हुए उन्हें कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि आप जैसे लोगों की वजह से कानूनी प्रक्रिया का मजाक बनता है। ऐसे लोगों द्वारा एक ही तरह के मुद्दे के साथ बार बार याचिकाएं दायर करने की वजह से न्यायिक प्रणाली आज उपहास बन कर रह गई है।
कोर्ट ने कहा कि हमें राजनीतिक खेल का हिस्सा न बनाएं। आपके क्लाइंट को राजनीति करनी है तो बाहर करे। अदालत में नहीं। आपके पास केवल एक ही कानूनी उपचार है कि आप सुप्रीम कोर्ट जाएं और हमारे आदेश को चुनौती दें।
संदीप कुमार ने याचिका में क्या कहा?
संदीप कुमार ने अपनी याचिका में कहा है कि दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा केजरीवाल को गिरफ्तार किए जाने के बाद नेता संविधान के तहत मुख्यमंत्री के कामों को करने में “अक्षम’’ महसूस कर रहे हैं। याचिका में कहा गया था कि ‘आप’ नेता की गैरमौजूदगी संवैधानिक तंत्र को जटिल बनाती है और वह संविधान के आदेश के अनुसार जेल से मुख्यमंत्री के रूप में कभी भी काम नहीं कर सकते।
21 मार्च को ईडी ने किया सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार
केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। वह 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं और वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद हैं। मामले में उनकी गिरफ्तारी और रिमांड के आदेशों को हाई कोर्ट ने वैध ठहराया और इसके खिलाफ उनकी याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ केजरीवाल ने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
-एजेंसी
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