राहुल गांधी के फिर स्‍वर्ण मंदिर पहुंचने पर SGPC ने कहा, ये पश्चाताप नहीं राजनीति है

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उनके इस दौरे पर सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने सवाल उठाए हैं। कमेटी ने कहा कि ये पश्चाताप नहीं है।
सोमवार दोपहर को गोल्डन टेंपल पहुंचे राहुल गांधी ने छबील के करीब जूठे बर्तन धोने की सेवा की थी। इससे पहले उन्होंने गोल्डन टेंपल में माथा टेका था। देर शाम राहुल गांधी फिर से गोल्डन टेंपल पहुंच गए।

इस दौरान उन्होंने परिक्रमा में छबील पर बैठ काफी समय तक पानी की सेवा की। ये देख श्रद्धालु भी हैरान थे। लोग खुद करीब जाकर उनसे बात भी कर रहे थे और पानी भी ले रहे थे।

इस दौरान राहुल गांधी ने पालकी साहिब के दर्शन भी किए। गुरुघर के द्वार बंद होने के बाद राहुल गांधी साफ सफाई की सेवा में जुट गए। उन्होंने कपड़ा पकड़ा और रेलिंग की सफाई का काम शुरू कर दिया। गोल्डन टेंपल में सेवा कर रहे युवकों के साथ वह हाथ से हाथ बंटाते दिखे।

SGPC बोली, राहुल गांधी की सेवा को पश्चाताप ना कहें

SGPC जनरल सेक्रेटरी गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि सिख मर्यादा के अनुसार इस घर में कोई भी आ सकता है। यहां चढ़ के आए को तेग, निम के आए को देग। राहुल गांधी ने यहां सेवा की, इसलिए उसे देग दी गई। लेकिन उनकी सेवा को पश्चाताप कहना गलत होगा। जो उन्हें यहां आकर कहना था और उन्होंने नहीं कहा, वे राजनीति थी।

ग्रेवाल ने कहा कि राहुल गांधी उस परिवार का हिस्सा हैं, जिनकी दादी ने श्री अकाल तख्त साहिब को गिराया और पिता ने दिल्ली में सिखों का कत्लेआम किया, लेकिन श्री अकाल तख्त साहिब पूरी बुलंदी पर खड़ा है। 40 साल से जख्म वैसा का वैसा ही है। उनकी इस सेवा को पश्चाताप नहीं कहा जा सकता।

दिल्ली में विधवाओं की बस्ती में क्यों नहीं गए राहुल

ग्रेवाल ने कहा कि उनके पिता राजीव गांधी को मारने वाली नलनी को मिलने के लिए प्रियंका जेल में जा सकती है, लेकिन क्या राहुल गांधी उन विधवाओं की बस्ती में गए हैं जहां दिल्ली में कत्लेआम हुआ क्योंकि सिख सिर्फ 2 प्रतिशत हैं और नलनी हिंदू थी और उनका वोट बैंक उन्हें चाहिए। राहुल गांधी ने कभी बोला कि उनके साथ कुर्सियों में बैठने वाले माकन व जगदीश टाइटलर आदि कातिल हैं। ऐसे में राहुल गांधी ने जो नहीं बोला, वे राजनीति थी।

Compiled: up18 News