लखनऊ। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्णा को नया कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक नियुक्त कर दिया है। इस पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि यूपी को मिला एक और कार्यवाहक डीजीपी।
अखिलेश यादव ने बगैर किसी का नाम लिए लिखा कि आज जाते-जाते वो ज़रूर सोच रहे होंगे कि उन्हें क्या मिला? जो हर गलत को सही साबित करते रहे। उन्होंने लिखा कि यदि व्यक्ति की जगह संविधान और विधान के प्रति निष्ठावान रहते तो कम-से-कम अपनी निगाह में तो सम्मान पाते। अखिलेश यादव ने लिखा कि अब देखना ये है कि वो जो जंजाल पूरे प्रदेश में बुनकर गये हैं, नये वाले उससे मुक्त होकर निष्पक्ष रूप से न्याय कर पाते हैं या फिर उसी जाल के मायाजाल में फंसकर ये भी सियासत का शिकार होकर रह जाते हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि दिल्ली-लखनऊ की लड़ाई का ख़ामियाज़ा उप्र की जनता और बदहाल क़ानून-व्यवस्था क्यों झेले? जब ‘डबल इंजन’ मिलकर एक अधिकारी नहीं चुन सकते तो भला देश-प्रदेश क्या चलाएंगे?
नैतिक पैमानों पर भाजपा शून्य से भी कई शून्य नीचे चली गयी है: अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक दूसरा एक्स पोस्ट पर लिखा कि जो भाजपाई एक राष्ट्रीय हिंदी चैनल के लाइव डिबेट में एक विपक्षी राष्ट्रीय दल के सम्मानित प्रवक्ता के लिए अभद्रता की हर सीमा लांघकर, ऐसी निंदनीय भाषा बोलते हैं, वो अकेले में आम आदमी से कैसे पेश आते होंगे या उनके साथ क्या करते होंगे, कहने की आवश्यकता नहीं।
भाजपाइयों की हताशा उनके मुंह से बेहद आपत्तिजनकजनक अपशब्द बनकर निकल रही है। एक प्रतिष्ठित चैनल को ऐसे भाजपाई प्रवक्ताओं को सदैव के लिए प्रतिबंधित कर देना चाहिए क्योंकि भाजपा तो ऐसे प्रवक्ताओं के गले में माला डालकर स्वागत करती है। ऐसे भाजपाइयों की वजह से ही नैतिक पैमानों पर भाजपा शून्य से भी कई शून्य नीचे चली गयी है।
ऐसे लोगों का भाषिक संस्कार परिष्कार से भी परे है। ऐसे लोगों को मंच देकर भाजपा अपने संस्कारों को दर्शा रही है। भाजपाइयों को देखकर अब तो आइना भी मुँह मोड़ लेता होगा। भाजपा से जनता को नैतिक-धर्म, पारिवारिक-आदर्श, सामाजिक आचरण और भाषिक मर्यादा की रत्ती भर भी उम्मीद नहीं बची है। भाजपा के दिन पूरे हुए।
-साभार सहित