त्वचा पर नीले निशान पड़ना ब्लड क्लॉटिंग यानी खून जमने की समस्या है। शरीर में नील पड़ना इस बात का संकेत है शरीर में जितना ऑक्सीजन जाना चाहिए उतना नहीं जा रहा है। ऐसा क्यों होता है, आइए समझते हैं।
क्या है साइनोसिस?
साइनोसिस को हम इस तरह समझ सकते हैं- जब हम नाखून काटते हैं तो बढ़े हुए नाखून यानी डेड नाखून काटने पर दर्द नहीं होता। लेकिन जैसे ही बढ़े हुए नाखून से थोड़ा सा नीचे कट जाता है, तो दर्द होता है और खून आने लगता है।
इसका मतलब ये है कि शरीर में स्किन की ऊपरी लेयर तक ब्लड की सप्लाई होती है। खून हमारे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाता है। ऐसे में शरीर के जिस हिस्से में ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं होती वहां नीले निशान पड़ जाते हैं। इसे साइनोसिस कहते हैं।
नील पड़ने और हेमरेज के फर्क को समझें
त्वचा के अंदर खून जमने की प्रक्रिया एक तरह का हेमरेज है। आमतौर पर चोट लगने पर शरीर के उस हिस्से में खून जम जाता है, जिससे वहां पर काला, नीला या लाल निशान पड़ जाता है।
यदि खून की नलियों में से खून बाहर की तरफ निकले, उनमें खून को मेंटेन रखने की क्षमता कम हो, थोम्बिन, प्रोथोम्बिन यदि कम हो जाए, तो ये हेमरेज है। ऐसे में शरीर के उस हिस्से में खून के थक्के बन जाएंगे।
यदि नीले निशान त्वचा पर ही हैं, तब तो घबराने की बात नहीं है। ये आमतौर पर त्वचा पर दिखाई देने वाले नीले निशान हैं। ऐसे में शरीर में मौजूद श्वेत रक्त कण यानी डब्लूबीसी धीरे-धीरे खून के इन थक्कों को वहां से हटा देते हैं। लेकिन अगर यही ब्लड क्लॉट दिल या दिमाग में हो जाएं तो ब्रेन हेमरेज या पल्मोनरी एम्बोलिज्म की समस्या हो सकती है।
सर्दियों में बढ़ती खून जमने की समस्या
यदि आपके मन में भी अक्सर ये सवाल उठता है कि आखिर सर्दियों में त्वचा पर नीले निशान क्यों पड़ते ह?, तो हम आपकी समस्या का समाधान करते हैं।
सर्दियों में जब खून में ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है तब त्वचा पर नीले निशान दिखने लगते हैं, जिसे साइनोसिस कहते हैं।
दवा के कारण भी पड़ते हैं नीले निशान
साइनोसिस शरीर के किसी भी हिस्से जैसे पेट, गले, हाथ, पैर में हो सकता है। कई बार दवा के रिएक्शन से भी स्किन पर नीले निशान पड़ जाते हैं।
साइनोसिस होने पर सबसे पहले शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है। यदि शरीर में खून की कमी हो गई है तो फोलिक एसिड युक्त चीजें खाएं, इससे जल्द आराम मिलता है।
पीरियड्स में भी पड़ते हैं नील
कई महिलाओं को पीरियड्स के दौरान शरीर पर नीले निशान पड़ जाते हैं। यह ज्यादा ब्लीडिंग के कारण होता है। ओवेरियन फॉलिकल ज्यादा रप्चर होने से ब्लीडिंग ज्यादा होती है। इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है जिससे स्किन पर नीले निशान पड़ जाते हैं।
पीरियड्स में महिलाओं के शरीर को आराम की जरूरत होती है, लेकिन जब ऐसा नहीं हो पाता तो ओवेरियन फॉलिकल के ज्यादा रप्चर होने की संभावना बढ़ जाती है। ब्लीडिंग ज्यादा होता है। शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई ठीक से नहीं हो पाती, जिससे स्किन पर नीले निशान पड़ जाते हैं।
डाइट में फॉलिक एसिड की मात्रा बढ़ाएं
शरीर में नीले निशान पड़ने पर डॉक्टर फॉलिक एसिड के सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं। इससे ब्लड बनता रहता है और साइनोसिस की समस्या ठीक हो जाती है। महिलाओं को अपनी डाइट में एवोकाडो, ब्रोकोली, अंडा, राजमा, टमाटर, केला, सूजी आदि को शामिल करना चाहिए, ताकि शरीर में फॉलिक एसिड की कमी न होने पाए।
हीमोग्लोबिन की कमी नुकसानदायक
शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने से भी ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हो सकती है। हीमोग्लोबिन की कमी से हार्ट, ब्रेन, जीभ की मसल्स में ब्लड की सप्लाई कम हो जाती है जिससे ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हो सकती है। इसका असर ब्रेन, किडनी पर भी पड़ सकता है।
खून की कमी से होते नीले निशान
जो लोग एनिमिक होते हैं उनके शरीर पर नीले निशान नजर आते हैं। एनिमिक लोगों को अपनी डाइट में वो चीजें जरूर शामिल करनी चाहिए, जिनमें फॉलिक एसिड की मात्रा ज्यादा हो। शरीर में खून की कमी से नीले निशान पड़ते हैं। इसके अलावा शरीर पीला पड़ जाता है, हाथ-आंखों में लाली नजर नहीं आती, कई ऑर्गन का ठीक से विकास नहीं हो पाता, व्यवहार चिड़चिड़ा हो जाता है।
लाइफस्टाइल भी है एक वजह
आजकल की लाइफस्टाइल में तनाव बहुत बढ़ गया है। लोगों को ऑफिस में घंटों बैठकर काम करना पड़ता है। हमेशा तनाव में रहने, समय पर न खाने, जंक फूड के अधिक सेवन, देर रात में खाने, एक्सरसाइज न करने से कॉन्स्टिपेशन की समस्या होने लगती है और पाइल्स की शिकायत भी हो सकती है। पाइल्स की वजह से ज्यादा ब्लड लॉस हो जाने से भी व्यक्ति एनिमिक हो सकता है और उसके शरीर में नीले निशान पड़ सकते हैं।
महिलाओं में खून की कमी का असर
महिलाओं में 12 से 15% एनल कैंसर के मामले पाए जा रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह महिलाओं की शर्म और हिचक है। शौच में खून आने या एनल पार्ट में घाव होने पर महिलाएं डॉक्टर के पास जाने में शर्म महसूस करती हैं। ऐसे में घाव बढ़ता जाता है और खून के लगातार रिसाव से एनीमिया की शिकायत भी होने लगती है। एनीमिया के कारण शरीर पर नीले निशान पड़ते हैं। साथ ही एनल कैंसर के रूम में कई महिलाओं को इसका बहुत बड़ा खामियाजा भी भुगतना पड़ता है।
उपाय आसान है
शरीर में नीले निशान बार बार होने लगें तो समझ जाइए कि आपको अपना खानपान और रहन सहन बदलने की जरूरत है। बिना चोट लगे शरीर पर पड़ने वाले नीले निशान से बचने के लिए आदतें बदलना जरूरी है। सही समय पर स्वस्थ भोजन करने, पर्याप्त नींद लेने और तनाव से दूरी बनाकर शरीर पर पड़ने वाले नीले निशानों से बचा जा सकता है।
– एजेंसी