भारतीय टीम के प्रदर्शन पर क्या बोले पाकिस्तान के क्रिकेटर?

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मैच की शुरुआत भारत के टॉस हारने के साथ हुई पर कप्तान रोहित शर्मा यहाँ भी पॉजिटिव थे. उन्होंने कहा कि वो अगर टॉस जीतते तो भी पहले बल्लेबाज़ी ही करते.
उनका यह कहना बल्लेबाज़ी में भी दिखा. कुल 358 रन के इस मैच में अकेले ‘प्लेयर ऑफ़ द मैच’ रहे रोहित के बल्ले से 87 रन आए पर टीम एक छोटा स्कोर ही खड़ा कर सकी.

रोहित ने मैच के बाद कहा भी, “मुझे लगा कि हमने 20-30 रन कम बनाए.” हालांकि बुमराह, शमी और कुलदीप की गेंदबाज़ी ने भारत को यह जीत दिलाने में बहुत अहम भूमिका निभाई.

अकरम, अख़्तर क्या बोले?

मैच के बाद रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर शोएब अख़्तर ने कहा, “भारत की बैटिंग से तो डरना ही डरना था. अब स्थिति ये है कि उनकी बॉलिंग यूनिट से भी डरो. पता नहीं आगे कौन सी टीमें क्या करती हैं, यह देखना बहुत मज़ेदार होगा.”

भारतीय टीम की जीत पर पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर वसीम अकरम ने कहा, भारतीय टीम लगातार छह मैच जीत चुकी है. उसके इस दमदार प्रदर्शन को देखकर मुझे 1992 के वर्ल्ड कप की न्यूज़ीलैंड टीम याद आ गई.”

वे बोले, “आप देखेंगे इस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम मैच के सभी डिपार्टमेंट में अपना पूरा नियंत्रण रख रही है. ठीक उसी तरह जिस तरह 1992 के वर्ल्ड कप में न्यूज़ीलैंड लगातार सात मैच जीता था.”

मैच के बाद रोहित शर्मा ने पिच के बारे में कहा, “यह देर तक टिक कर बल्लेबाज़ी करने वाली पिच थी.”

रोहित की बल्लेबाज़ी पर अकरम बोले, “यह विकेट बहुत अलग थी. इस पर बैटिंग करना आसान नहीं था. रोहित शर्मा 87 रनों की पारी खेले और आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व किया. राहुल के साथ 91 रनों की साझेदारी निभाई. जिस एक भारतीय बल्लेबाज़ (सूर्यकुमार यादव) ने इस वर्ल्ड कप में रन नहीं किए थे उन्होंने भी रन बनाए.”

रोहित की दमदार कप्तानी

भारत की इस जीत के पीछे जहाँ सबसे बड़ा कारण 87 रनों की ज़ोरदार पारी खेल कर ख़ुद कप्तान रोहित शर्मा रहे. वहीं इस मैच में रोहित शर्मा की कप्तानी भी अव्वल दर्जे की रही.
रोहित ने न केवल सही समय पर सटीक फ़ैसला लिया. लगातार गेंदबाज़ी में परिवर्तन किया और केवल 230 रनों के टारगेट के सामने इंग्लैंड को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया.

ओस की वजह से आउटफ़ील्ड गीली हो रही थी और ऐसे में सटीक गेंदबाज़ी करना आसान नहीं था. लिहाजा यह छोटा स्कोर इंग्लैंड के नाम होना चाहिए था.

लेकिन इस टूर्नामेंट को वो जिस तरह खेल रहे हैं, उसका असर इस मैच में भी दिखा. दमदार गेंदबाज़ी करने के बावजूद जब बल्लेबाज़ करने पिच पर उतरे तो किसी एक ने भी लय नहीं पकड़ा.

जो रूट और बेन स्टोक्स जैसे मध्यक्रम के बल्लेबाज़ अपना ख़ाता तक नहीं खोल सके वहीं लियम लिविंग्सटन को छोड़ कर और कोई 17 रन भी नहीं बना सका.

इसकी वजह ये थी कि रोहित ने अपने गेंदबाज़ों को थकने नहीं दिया. उन्हें छोटे-छोटे स्पेल दिए और नियमित अंतराल पर गेंदबाज़ी परिवर्तन करते रहे.

कप्तान रोहित ने न केवल इंग्लैंड के किसी भी बल्लेबाज़ को पिच पर जमने दिया बल्कि कोई बड़ी साझेदारी भी नहीं बनने दी.

टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री कहते हैं, “रोहित बहुत आसानी से गेंदबाज़ी में परिवर्तन करते हैं ताकि कोई बल्लेबाज़ पूरी तरह से लय में न आ सकें.”

वहीं क्रिकेट कमेंटेटर हर्ष भोगले ने ट्वीट किया, “इस वर्ल्ड कप में मिली अब तक की सभी जीत में यह सबसे ख़ास है. गेंदबाज़ी और रोहित शर्मा की बढ़िया अक़्लमंदी ने इसे यादगार बना दिया.”

बुमराह-शमी की ‘कातिल’ जोड़ी

कब किस गेंदबाज़ से गेंद करवाना है, यह रोहित को बख़ूबी पता है और इसके लिए उनके गेंदबाज़ों की परिपक्वता को भी श्रेय जाता है.

टी20 वर्ल्ड कप में जसप्रीत बुमराह की कमी खली थी. चोट से वापसी के बाद बुमराह ठीक उसी तरह की फ़ॉर्म में हैं, जैसी टीम को ज़रूरत थी. वहीं मोहम्मद शमी पिछले चार वनडे में 15 विकेट ले कर अपनी ज़ोरदार फ़ॉर्म का सबूत दे रहे हैं.

इस मैच में जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी ने इस मैच में एक यादगार शुरुआत दी. दोनों ने अपनी नपी तुली उच्चकोटि की गेंदबाज़ी से सब का दिल जीत लिया.

बुमराह ने लगातार दो गेंदों पर मलान और रूट का विकेट लेकर इंग्लैंड को बैकफ़ुट पर धकेला. तो शमी ने अपनी पैनी गेंदों पर तीन बल्लेबाज़ों को बोल्ड करते हुए कुल चार विकेट लिए. बुमराह-शमी की जोड़ी ने इस मैच में सात बल्लेबाज़ों को पविलियन लौटाया.

रोहित शर्मा ने शमी को छठे ओवर में गेंद थमाई. शुरुआती दो गेंदों पर तीन रन बन गए पर इसके बाद अगली 28 गेंदों पर उन्होंने कहर बरपा दिया, केवल दो रन दिए और दो बल्लेबाज़ों को आउट कर इंग्लैंड के खेमे में खलबली मचा दी.

शमी इस टूर्नामेंट में खेले गए दो मैचों में नौ विकेट ले चुके हैं. तो बुमराह 14 विकेट के साथ इस टूर्नामेंट के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज़ हैं.

मैच से पहले पाकिस्तान के क्रिकेटर वसीम अकरम ने कहा था कि इस मैच में शमी को मौक़ा ज़रूर दिया जाना चाहिए. उन्होंने उनकी गेंदबाज़ी की तारीफ़ करते हुए कहा था कि, उनकी गेंद की सीम जब पिच से टकराती है तो वो किसी भी दिशा में मुड़ सकती है और यह उनकी सबसे बड़ी ख़ासियत है.

इस मैच में जीत के बाद अकरम बोले, भारतीय टीम की गेंदबाज़ी इस वक़्त पूरी दुनिया में सबसे बेहतरीन है. बुमराह और शमी ने इंग्लैंड को हराने में जबरदस्त किरदार निभाया.
मैच के बाद रोहित ने भी गेंदबाज़ों की ज़ोरदार तारीफ़ की. वे बोले, “आप हर रोज़ ऐसे कम स्कोर को बचाते में सफल नहीं होते. हमारे तेज़ गेंदबाज़ों ने कंडीशन को बहुत अच्छे से भुनाया. स्विंग और मूवमेंट दोनों मिल रही थी.”

वहीं पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शोएब अख़्तर ने एक टीवी कार्यक्रम के दौरान कहा, “शमी और बुमराह की जोड़ी ‘कातिल’ है. शमी से बुमराह के साथ गेंदबाज़ी की शुरुआत करानी चाहिए. मुझे लगता है ये जल्द ही होने वाला भी है.”

Compiled: up18 News


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