भारत में एप्‍पल स्‍टोर खुलने पर क्या बोले पाक मूल के अमेरिकी बिजनेसमैन साजिद तरार

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एक सा डीएनए फिर भी बर्बाद

एक यू-ट्यूब इंटरव्‍यू में साजिद ने कहा कि पाकिस्‍तान और भारत का डीएनए एक सा है और बड़ी तकलीफ होती है देखकर कि दक्षिण एशिया का एक देश तरक्‍की कर रहा है और एक झगड़ों में ही लगा है। एप्‍पल के सीईओ टिम कुक ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ही मुलाकात नहीं की है बल्कि वह भारतीय बिजनेसमैन अडानी और अंबानी से भी मिले हैं। उन्‍होंने दो स्‍टोर खोले हैं और बाद में पता लगा कि पीएम मोदी ने कुछ शर्तें रखी थीं टिम कुक के सामने।

उन्‍होंने यह साफ कर दिया था कि सारी चीजें मेड इन इंडिया होंगी और सबकुछ यही पर बनेगा। कुक ने ये शर्तें भी मान लीं।

खैरात पर खुश पाकिस्‍तान

साजिद तरार ने बड़ी बेबाकी से कहा कि भारत में लोग एप्‍पल स्‍टोर खुलने पर खुश थे। लेकिन पाकिस्‍तान की सबसे बड़ी खबर थी कि पीएम शहबाज शरीफ ने कहा है कि यूएई से खैरात में जो पैसा मिला है उसमें आर्मी ने बड़ी मदद की है। भारत तरक्‍की पर है और तरक्‍की कर रहा है। मगर पाकिस्‍तान खैरात पर पल रहा है और यह 76 साल से ऐसा ही है।

यह पहली बार ऐसा नहीं है। पाकिस्‍तान तो सन् 1947 से इस्‍लाम के नाम पर भीख मांग रहा है। साजिद तरार ने बताया कि पाकिस्‍तान ने तो बंटवारे के बाद ही अमेरिका आकर कहा था कि उनके रक्षा उपकरण भारत जा चुके हैं और उनके पास कुछ नहीं बचा है। ऐसे में उन्‍हें दो अरब डॉलर की मदद दी जाए। उसके बाद से आज तक खैरात मांग रहे हैं और जब पाकिस्‍तान का नेता भीख लेकर आता है तो एयरपोर्ट पर उसका स्‍वागत फूलों से होता है।

ऑक्‍सफोर्ड वाले जेहाद पढ़ा रहे हैं

साजिद तरार बोले यह बस माइंडसेट की बात है। पाकिस्‍तान में भी बुद्धिजीवियों की कमी नहीं है। लेकिन उनका दिमाग मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मसलों में चलता है। पाकिस्‍तानियों ने दुबई और लंदन में तरक्‍की की है। अपने मुल्‍क को बेचकर दूसरे देशों में तरक्‍की कर रहे हैं। भारत और पाकिस्‍तान में कोई बराबरी नहीं है। साजिद के मुताबिक भारत एशियन टाइगर है और पाकिस्‍तान कहीं नहीं है। भारत में शिक्षा और कानून व्‍यवस्‍था का जो स्‍तर है, पाकिस्‍तान में वैसा कभी हो ही नहीं सकता है।

साजिद तरार ने कहा कि पाकिस्‍तान में ऑक्‍सफोर्ड और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पढ़े लोग भी देश नहीं चला पा रहे हैं और भारत में चाय वाला तरक्‍की का पाठ पढ़ा रहा है। उनका कहना था कि इस मुल्‍क में तो ऑक्‍सफोर्ड से पढ़े लोग जेहाद का पाठ पढ़ा रहे हैं।

Compiled: up18 News