नूपुर शर्मा मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले पर विश्व हिंदू परिषद ने निराशा जताई है। विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने इस मामले में बयान जारी कर कहा है कि नूपुर शर्मा ने देशभर में दर्ज मुकद्दमों को एक जगह स्थानांतरित करने को लेकर याचिका दायर की थी, लेकिन इस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उन्हें निराशा हुई है। आलोक कुमार ने कहा कि नूपुर शर्मा महिला हैं, यह मामला संवेदनशील है।
उनके 20-25 सेंकड के कमेंट पर जांच हो रही है, देश में कई जगह एफआईआर हुई है, देशभर में आंदोलन चल रहे हैं और नूपुर शर्मा की जान को भी खतरा है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब एम. एफ. हुसैन के मामले में सभी मुकद्दमे एक जगह स्थानांतरित किए जा सकते हैं तो नूपुर शर्मा मामले में ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता? उन्होंने कहा कि नूपुर की सुरक्षा को खतरा है और इसलिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका को खारिज किए जाने से निराशा हुई है।
इसके साथ ही विहिप के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि नूपुर दोषी है या नहीं, सुप्रीम कोर्ट के सामने यह मुद्दा था ही नहीं। एफआईआर के कंटेट और नूपुर शर्मा के दोषी होने या नहीं होने की सुनवाई का अधिकार मजिस्ट्रेट को ही है और उन्हे भी पूरी प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है। मजिस्ट्रेट की अदालत में गवाहियां रिकार्ड होती हैं, सुनवाई की जाती है और उसी आधार पर यह तय होगा कि नूपुर शर्मा दोषी है या नहीं।
उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियां उनके आदेश का हिस्सा नहीं हैं।
-एजेंसियां
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