लगातार दो ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाई करने वाले पहले भारतीय सेलर बने विष्णु सरवनन

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सरवनन एशियाई देशों के खिलाड़ियों के बीच शीर्ष पर रहे। उन्होंने एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता सिंगापुर के खिलाड़ी को पछाड़ा। सरवनन का कुल स्कोर 174 रहा।

मानक नियमों के अनुसार इसमें से 49 के उनके न्यूनतम स्कोर को हटा दिया गया जिससे उनका नेट स्कोर 125 रहा। स्पर्धा के दौरान तेज हवा चल रहीं थी जिसका एडीलेड सेलिंग क्लब में प्रतिस्पर्धा कर रहे खिलाड़ियों पर असर भी पड़ा। रेस इतनी कड़ी थी कि सरवनन की अंगुलियां सुन्न हो गईं और पैर में काफी दर्द है।

अंगुलियां सुन्न पड़ गईं, पैर जाम हो गए, लेकिन विष्णु सरवनन ने नहीं मानी हार

सरवनन ने कहा, ‘मैं अब अपना फोन भी नहीं पकड़ पा रहा हूं, मेरी अंगुलियां सुन्न हो गई हैं और पैर में काफी दर्द है। लेकिन अब कोई दिक्कत नहीं है। मैं ओलिंपिक में जा रहा हूं।’ आईएलसीए सात रेस आईएलसीए (अंतरराष्ट्रीय लेजर क्लास संघ) में विशिष्ट वर्ग की रेस है। सरवनन इससे पहले दिसंबर में थाईलैंड एशियाई चैंपियनशिप के जरिए ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ नहीं कर पाए थे और इस झटके से उबरकर आगे बढ़े थे।

उन्होंने कहा, ‘झटका लगना हमेशा अच्छा होता है। इससे मेरी एकाग्रता बरकरार रही। यहां शीर्ष 10 में शामिल सभी खिलाड़ी 35 साल से अधिक के हैं, मेरे से 10 साल से अधिक बड़े। मैं उनके अनुभव से सीख सकता हूं। यह मेरे लिए अच्छा है।’

तोक्यो ओलिंपिक के लिए भी किया था क्वॉलिफाई

तोक्यो ओलिंपिक में सरवनन ने पुरुष लेजर वर्ग में हिस्सा लिया था और 35 खिलाड़ियों के बीच 20वें स्थान पर रहे थे। पेरिस ओलिंपिक के लिए सरवनन का लक्ष्य फाइनल में जगह बनाना है जबकि वह 2028 में लॉस एंजिल्स खेलों में पदक जीतना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘असल में मेरा लक्ष्य शीर्ष 15 में जगह बनाना है लेकिन अगर मैं शीर्ष 10 में पहुंच पाया और पदक की दौड़ में शामिल हुआ तो काफी अच्छा होगा। मुझे पता है कि यह कितना मुश्किल होने वाला है। देखते हैं क्या होता है।’

सरवनन ने कहा, ‘मेरे लिए 2028 वास्तविक मौका है जहां मैं ओलिंपिक पदक जीत सकता हूं। आयु मेरे पक्ष में है और मेरे पास सुधार करने का समय है।’ पाल नौकायन देश में लोकप्रिय खेल नहीं है लेकिन उनका मानना है कि इसे लोकप्रिय किया जा सकता है जैसे नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में किया। सरवनन ने कहा, ‘सच है कि यह अब भी काफी लोकप्रिय नहीं है लेकिन जब मैं ओलिंपिक पदक जीतूंगा तो ऐस होगा, जैसा नीरज सर के साथ हुआ था। उम्मीद करता हूं कि मैं एक पीढ़ी को प्रेरित करने वाला खिलाड़ी बनूंगा।’

-एजेंसी