बच्चों का गली क्रिकेट हो या शहरों के नुक्कड़ पर चाय चर्चा, सोशल मीडिया हो या घरों में क्रिकेट फैंस का जमावड़ा.. एक ही बात पर चर्चा हो रही है कि आखिर आग उगलने वाला विराट कोहली का बल्ला यूं शांत क्यों है.. आखिर आधुनिक क्रिकेट के इस रन मशीन को हुआ क्या है और कब वह पुराने किंग कोहली की तरह रुद्र रूप में दिखेंगे..। महान सुनील गावस्कर से लेकर RCB के कोच संजय बांगड़ तक अपनी राय रख चुके हैं। खुद विराट कोहली ने भी इस बारे में कई लोगों से चर्चा की होगी, लेकिन नतीजा कोई नहीं निकला।
इस मामले पर वीरेंद्र सहवाग के गुरू एएन शर्मा ने न केवल कोहली की खामियों को विस्तार से बताया, बल्कि एक कोच के रूप में उन्होंने कमबैक का मंत्र भी दिया।
विराट के साथ समस्या क्या है?
1. क्रॉस बल्ला: कोच शर्मा ने सबसे पहले विराट कोहली समस्या को पॉइंट आउट किया। उन्होंने कहा कि देखिए वह ऑफ स्टंप से बाहर निकलती गेंद को क्रॉस बल्ले से खेल रहे हैं। आपने देखा होगा कि वह इसी तरह ड्राइव लगाते हुए बेहद आसानी से आउट हो रहे हैं। ऑफ स्टंप से बाहर निकलती गेंदों पर वह अच्छा शॉट खेलते थे, लेकिन फिलहाल यह उनकी कमजोरी है।
2. वन साइडेड शॉट: विराट कोहली के साथ हालिया समय में जो सबसे बड़ी समस्या उभरकर सामने आई है वह यह कि वह वन साइडेड शॉट खेल रहे हैं। लगातार ऐसा करना उनके लिए घातक साबित हुआ है।
3. बॉटम हैंड का अधिक इस्तेमाल: कोहली उन प्लेयर्स में शामिल हैं, जो बॉटम हैंड बल्लेबाज हैं। वह शॉट खेलने के लिए बॉटम हैंड का अधिक इस्तेमाल करते हैं। यह बात किसी से छिपी नहीं है।
इसलिए कोहली हुए एक्सपोज
सहवाग के गुरू कोहली के एक्सपोज होने के सवाल पर कहते हैं, ‘जब भी मेरे पास कोई बॉलर आता है तो मैं उसे सबसे पहले यही कहता हूं कि पहले बल्लेबाज की कमी को समझो। वह कहां अच्छा खेलता है, कहां उसका बल्ला नहीं चलता। अगर उसका वीक पॉइंट पता है तो आउट करने में आसानी होगी। यहां भी ऐसा ही है। गेंदबाज के साथ पूरी टीम रिसर्च कर रही है। वीडियो एनालिसिस करके आते हैं। वे एक-एक कमजोरी को समझते हैं और यहीं विराट के लिए मुश्किल हो रही है।’
पहली ही गेंद पर एक ही तरह का शॉट, क्या यह ईगो का मामला है?
इस पर उन्होंने कहा, ‘खेल में ईगो नहीं चलता। मुझे नहीं लगता कि कोहली के साथ ईगो की समस्या है। हां, पहली ही गेंद पर एक ही तरह का शॉट खेलना जरूर समस्या है। उन्हें ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद को छेड़ने से बचना होगा। या शुरुआत में खेलना ही नहीं है।’
वह कैसे फॉर्म में करेंगे वापसी?
इस सवाल के जवाब में वह कहते हैं, ‘सबसे पहले तो विराट कोहली को भूलना होगा कि उन्होंने कितने रिकॉर्ड बनाए हैं। उन्हें फ्रेश स्टार्ट करना होगा। ऐसा वीरू के साथ भी हुआ था तो मैंने उनसे कहा था कि बेटा आपने जो अभी तक किया, उसे भूल जाओ। गलतियों को समझो और उसके हिसाब से एक फ्रेश स्टार्ट करो।
उन्होंने ऐसा किया भी और बाद में रन भी बने। ठीक ऐसा ही कोहली को कहना चाहूंगा। उन्हें क्रॉस बल्ले से शॉट लगाना छोड़ना होगा, क्योंकि फिलहाल यह शॉट उनके लिए घातक है। टॉप हैंड का इस्तेमाल करें, इससे विपक्षी टीम चौंकेगी, क्योंकि वह तो पुराने कोहली के लिए तैयारी करके आएगी, जिसकी अब कमजोरी बॉटम हैंड है। और सबसे बड़ी बात ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों को तब तक नहीं खेलना है, जब तक वह विश्वास नहीं हासिल कर लें।’
140-145 kpm की गेंद पर पैर का मूवमेंट… यह सब कहने वाली बातें हैं
बैटिंग के दौरान पैर के मूवमेंट पर उन्होंने कहा, ‘देखिए मैं इस बात से इत्तेफाक नहीं रखता हूं। जब गेंदबाज 135kpm से अधिक की स्पीड से बॉल करता है तो बल्लेबाज के साथ उतना वक्त ही नहीं होता है कि वह पैर को मूव कर सके। आज तो IPL में भी गेंदबाज 140-145 kpm की रफ्तार से आसानी से बॉलिंग कर रहे हैं। हो सकता है कि कोई मुझसे इस बात को लेकर इत्तेफाक न रखे, लेकिन मैं यही मानता हूं। हां, जो लोग कमेंट्री में कहते हैं और लिखते हैं तो मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगा कि यह कहना आसान है, करना बहुत मुश्किल। चाहें तो कहने वालों को बल्ला देकर उस स्पीड की गेंद पर टेस्ट ले सकते हैं। सच्चाई अपने आप सामने आ जाएगी।’
सचिन से क्यों अलग है कोहली का मामला?
इस पर वह कहते हैं, ‘देखिए हर कोई सचिन नहीं हो सकता। सचिन ने समय के अनुसार अपनी बैटिंग में बदलाव किए। खामियों के हिसाब से कई बार खुद की स्टाइल को बदला, लेकिन विराट के साथ ऐसा मुश्किल है। सचिन ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कवर ड्राइव छोड़ दिया था, लेकिन कोहली ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। वह जिस स्टेज पर हैं वहां मुश्किल आती ही है। समय लगता है, लेकिन अगर वह खामियों पर काम करेंगे और एक अनुशासित पारी के बाद आप देखेंगे कि जिस शॉट पर वह आउट हो रहे हैं उन्हीं पर रन बनेंगे।’
-एजेंसियां