स्वस्थ रहने के लिए सिर्फ हमारा खानपान ही नहीं बल्कि हमारी आदतें और रहन-सहन भी काफी मायने रखता है। इन दिनों जरूरत और समय के हिसाब से हमारे जीवन में कई तरह के बदलाव होने लगे हैं। इन्हीं बदलावों में से एक वेस्टर्न टॉयलेट काफी अहम है। इन दिनों लगभग हर घर में वेस्टर्न टॉयलेट ने इंडियन टॉयलेट की जगह ले ली है। अपनी सुविधा के लिए लोग लगातार इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन लगातार वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है , आइये वेस्टर्न टॉयलेट के हानिकारक परिणामों के बारे में-
कब्ज का कारण बनता है वेस्टर्न टॉयलेट
पेट साफ करने के लिए बॉडी की पोजीशन काफी मायने रखती है। इंडियन टॉयलेट में बैठने से हमारे पूरे पाचन तंत्र पर दबाव बनता है, जिससे पेट अच्छी तरह साफ होता है। लेकिन वेस्टर्न टॉयलेट में सही बॉडी पोजीशन न बन पाने के कारण इससे एनस और पेट की मसल्स पर कम दबाव पड़ता है, जिससे पेट ठीक से साफ नहीं हो पाता और कब्ज की समस्या होने लगती है।
यूरिन इंफेक्शन का बढ़ जाता है खतरा
वेस्टर्न टॉयलेट के इस्तेमाल से यूटीआई इंफेक्शन का जोखिम काफी बढ़ जाता है। वेस्टर्न टॉयलेट में टिशू पेपर का इस्तेमाल करते हुए अगर मल या टिशू पेपर का छोटा-सा टुकड़ा योनि में चला जाए, तो इंफेक्शन की संभावना काफी बढ़ जाती है। एक रिसर्च के अनुसार, वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करने से महिलाओं में इंफेक्शन का खतरा भारतीय टॉयलेट की तुलना 78.2 फीसदी बढ़ जाता है।
पाइल्स की हो सकती है समस्या
लगातार वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करने से कब्ज की समस्या लंबी बीमारी में बदल सकती है। ऐसे में मल त्यागने के दौरान एनस की मांसपेशियों पर काफी जोर पड़ता है। पेट साफ करने के लिए जोर लगाने से लोअर रेक्टम और एनस की नसों में सूजन आ जाती है, जो पाइल्स बन जाती है।
अपेंडिक्स का खतरा
वेस्टर्न टॉयलेट बैठने के लिए भले ही आरामदायक हो, लेकिन इसके इस्तेमाल से कई तरह की समस्याएं भी हो सकती हैं। वेस्टर्न टॉयलेट में मल त्यागने के लिए पेट पर काफी ज्यादा जोर लगाना पड़ता है। ऐसे में पेट पर पड़ रहे इस दवाब की वजह से अपेंडिक्स का खतरा भी काफी बढ़ जाता है।
पानी की बर्बादी
वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद सफाई के लिए काफी ज्यादा पानी इस्तेमाल होता है, जिससे पानी की काफी बर्बादी होती है। इतना ही नहीं टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करने से इंफेक्शन का खतरा भी काफी बढ़ जाता है।
– एजेंसी