हर्बल हुक्का को लेकर चंडीगढ़ पीजीआई में भी रिसर्च की गई है. इस रिसर्च को इंटरनेशनल रिव्यू जरनल टोबैको कंट्रोल में प्रकाशित किया गया है. रिसर्च में कहा गया है कि युवा हर्बल हुक्का को सिगरेट के स्थान पर पी रहे हैं. उनका मानना है कि ये हानिकारक नहीं है, लेकिन ऐसा नहीं है. हर्बल हुक्का का लंबे समय तक उपयोग शरीर में कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है. चिंता की बात यह है कि बीते 10 सालों में युवाओं में हुक्का पीने का चलन बढ़ता जा रहा है. खासतौर पर शहरी इलाकों में इसका उपयोग तेजी से बढ़ रहा है.
डॉक्टरों का कहना है कि हर्बल हुक्का में भी कुछ हानिकारक केमिकल होते हैं. जिनसे शरीर को नुकसान हो सकता है. रिसर्च से यह भी पता चला है कि सिगरेट के धुएं में मौजूद कुछ केमिकल हुक्के के धुएं में भी होते हैं. जिनसे भविष्य में कैंसर होने का रिस्क रहता है. लंबे समय तक हुक्का का सेवन शरीर में कई तरह के कैंसर का कारण बन सकता है. इसका सेवन धूम्रपान करने जितना खतरनाक साबित हो सकता है.
हुक्का का सेवन कुछ वैसा ही है जैसे आप सालों से सिगरेट पी रहे हैं. ये मानना गलत है कि हुक्का हानिकारक नहीं है. ये सेहत को नुकसान पहुंचाता है. हुक्के में भी तंबाकू युक्त कुछ मिश्रणों हो सकते हैं. जो लंबे समय में लंग्स को नुकसान पहुंचाते हैं.
– एजेंसी