अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसराइल से लौटने के बाद व्हाइट हाउस से देश को संबोधित किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में इसराइल-हमास का ज़िक्र करते हुए हमास की तुलना रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से की है.
उन्होंने कहा, “हमास और पुतिन से अलग-अलग तरह के ख़तरे हैं लेकिन उन दोनों में एक सामान्य बात भी है- दोनों ही पड़ोस में लोकतंत्र को ख़त्म कर देना चाहते हैं.”
बाइडन ने अमेरिकी लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें (जनता को) ये लग सकता है कि ये दोनों ही युद्ध एकदूसरे से बहुत दूर लड़े जा रहे हैं तो फिर ये उनके लिए क्यों मायने रखता है? ये सवाल पूछना सामान्य है.
बाइडन ने कहा, “इसराइल और यूक्रेन का सफल होना अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है. अगर हमने पुतिन की और अधिक शक्ति की भूख को रोका नहीं तो वो सिर्फ़ यूक्रेन तक नहीं रुकेंगे. एक ऐसा समय है, जिसमें हम आज जो फ़ैसला करेंगे उससे आने वाले दशकों का भविष्य तय होगा.”
अमेरिका अब भी दुनिया में प्रकाश स्तंभ
उन्होंने इसराइल की यात्रा के दौरान फ़लस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास के हमले के पीड़ित लोगों से मुलाकात की है.
उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति के तौर पर मेरे लिए बंधक बनाए गए अमेरिकियों की सुरक्षा से बढ़कर कुछ भी नहीं है. उन्होंने इसराइल-हमास संघर्ष में दोनों ही तरफ़ के आम लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई है.”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “ग़ज़ा के अस्पताल पर हमले में हुई मौतों से मैं बेहद दुखी हूं, ये हमला इसराइल ने नहीं किया है.”
मिडिल ईस्ट को लेकर उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी “मध्य पूर्व के के बेहतर भविष्य के लिए काम कर रहे हैं.”
बाइडन ने इस दौरान यूक्रेन युद्ध का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यूक्रेन और इसराइल की “मदद नहीं करना सही नहीं होगा.”
उन्होंने अपना भाषण ख़त्म करते हुए कहा कि अमेरिका पहले भी दुनिया के लिए प्रकाश स्तंभ की तरह था और अब भी ऐसा है.
Compiled: up18 News