अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की यात्रा के बाद मिसाइलें दागकर ताइवान को डराने में जुटे चीनी ड्रैगन पर नकेल कसने की तैयारी तेज हो गई है। अमेरिका ने ऐलान किया है कि नौसेना का सातवां बेड़ा जल्द ही ताइवान स्ट्रेट से गुजरने जा रहा है। इसी ताइवान स्ट्रेट को चीन ने पूरी तरह से अपने कब्जे में ले रखा है। यही नहीं, ताइवान की मानें तो अब चीन की कोशिश है कि ताइवान स्ट्रेट, पूर्वी चीन सागर और दक्षिण चीन सागर को अपने कब्जे में कर लिया जाए।
अमेरिकी नौसैनिक संस्थान का कहना है कि आने वाले समय में अमेरिका अपने युद्धपोतों को ताइवान जलडमरू मध्य से भेजेगा। इससे पहले सोमवार को अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने पुष्टि की है कि अमेरिका एक और ‘नौवहन की स्वतंत्रता का अभ्यास करेगा।
अमेरिका के रक्षा नीति मामलों के उप मंत्री कोलिन कहल ने जोर देकर कहा, ‘हम आने वाले सप्ताह में ताइवान स्ट्रेट से गुजरना जारी रखेंगे जैसा कि हमने पहले भी किया है। हम इस इलाके के हर क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता का अभ्यास करेंगे।’
अमेरिकी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ताइवान की सीमा के पास
अमेरिका ने परमाणु ताकत से लैस एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस रोनाल्ड रीगन के नेतृत्व में एक कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ताइवान की सीमा के पास तैनात किया है। इसके साथ ही साथ जोरदार हमला करने में सक्षम युद्धपोत यूएसएस त्रिपोली भी वहां पर मौजूद है। इसके अलावा एक और अमेरिकी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप यूएसएस अमेरिका के नेतृत्व में जापान के सासेबो में तैनात है। हाल के दिनों में चीन की बढ़ती दादागिरी को देखते हुए अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में अपनी उपस्थिति को बढ़ा दिया है।
हालांकि इससे पहले इतने तनावपूर्ण माहौल में कभी भी अमेरिकी युद्धपोत चीन की नाक के नीचे से नहीं गुजरे हैं। इन अमेरिकी युद्धपोतों को चीन के जंगी जहाजों की चेतावनी के बीच गुजरना होगा। चीन की सेना ने ताइवान स्ट्रेट में अपने युद्धाभ्यास को अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दिया है। चीन अब एंटी सबमरीन और जंगी जहाजों को तबाह करने का अभ्यास कर रहा है। ताइवान के आसपास चीन के दो एयरक्राफ्ट कैरियर भी गश्त लगा रहे हैं।
-एजेंसी