अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यदि पाकिस्तान भारत को उकसाता है तो सेना के जवाब देने की अधिक संभावना जताई गई है। यूएस इंटेलिजेंस कम्युनिटी रिपोर्ट के वार्षिक खतरे के आंकलन में कहा गया है कि पाकिस्तान का भारत विरोधी आतंकवादी समूहों का समर्थन करने का एक लंबा इतिहास रहा है। इस रिपोर्ट के अनुसार पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत के सैन्य बल के साथ जवाब देने की संभावना अधिक है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “बढ़े हुए तनाव की प्रत्येक पक्ष की धारणा संघर्ष के जोखिम को बढ़ाती है और कश्मीर में हिंसक अशांति या भारत में आतंकवादी हमले संभावित फ्लैशप्वाइंट हैं।” भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध अकसर कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से निकलने वाले सीमा पार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं।
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट ने बताया कि दो परमाणु-सशस्त्र देशों के बीच बढ़ते जोखिम के कारण भारत और पाकिस्तान संकट विशेष चिंता का विषय है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “नई दिल्ली और इस्लामाबाद संभवत: 2021 की शुरुआत में नियंत्रण रेखा पर दोनों पक्षों के फिर से संघर्ष विराम के बाद अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए इच्छुक हैं।”
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में भारत और चीन के रिश्तों पर भी बात हुई है। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय सीमा वार्ता हुई और कई सीमा बिंदुओं पर तनाव को सुलझाया गया। लेकिन 2020 में हुई हिंसक झड़प के चलते दोनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण रहेंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देशों द्वारा विवादित स्थल पर सेनाओं की तैनाती बॉर्डर विवाद को लेकर दो परमाणु शक्तियों में सशस्त्र जोखिम को बढ़ाती हैं। इसमें कहा गया कि पिछले गतिरोधों से पता चलता है कि एलएसी पर लगातार छोटे टकराव तेजी से बड़ा रूप ले सकते हैं।
भारत के पाकिस्तान और चीन दोनों ही देशों के साथ रिश्ते सहज नहीं हैं। पाकिस्तान के साथ 2008 मुंबई हमलों के बाद से रिश्ते ख़राब चल रहे हैं। जबकि गलवान में 2020 में हुई भारत-चीन सैनिकों के साथ हुई झड़प के बाद से रिश्ते बिगड़े हैं।
Compiled: up18 News
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