यूपी: एनएचएम के तहत ट्रेनिंग ले रहे सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का गुस्सा उस समय फूट गया जब उनके ट्रेनिंग सेंटर बिना किसी पूर्व सूचना के बदल दिए गए। जब ट्रेनिंग ले रहे सीएचओ को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने इसको लेकर पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई। गुस्साए ट्रेनियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में आपत्ति पत्र वायरल होने लगे। ट्रेनियों की ओर से लिखे गए पत्रों में सीएचओ ने सिस्टम पर धोखेबाजी का आरोप लगाया है।
उनका आरोप है कि ट्रेनिंग से पहले उनसे ढाई लाख रुपये का बॉन्ड भरवाया गया था। इस बांड के साथ उन्हें ग्रह जनपद में ट्रेनिंग और पोस्टिंग देने का भरोसा दिया गया था, लेकिन अब ट्रेनिंग सेंटर अचानक हज़ारों किलोमीटर दूर बना दिये गए हैं। दरअसल नेशनल हेल्थ मिशन के तहत 5505 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रदेश के अलग अलग जिलों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। परीक्षा में चयनित सीएचओ को चार माह तक ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के दौरान नवनियुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है। जिसको लेकर ट्रेनीज ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर समस्याओं के समाधान की मांग की है। ट्रेनी सीएचओ की का कहना है कि 4 महीने की ट्रेनिंग में 32 दिन की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है, लेकिन आगे की ट्रेनिंग को लेकर उन्हें को जानकारी अभी तक नहीं दी गई है।
मुख्यमंत्री के नाम लिखे गए अलग अलग पत्रों में कहा गया है कि उनके नए ट्रेनिंग सेंटर हज़ारों किलोमीटर की दूरी पर बनाये गए हैं। ट्रेनिंग सेंटर देहात में हैं जहां न रहने की व्यवस्था है ना ही खान पान की सुविधा है। कई ट्रेनिंग सेंटर बीहड़ के इलाके में जर्जर हालत में बताए जा रहे हैं।
महिला ट्रेनी सीएचओ ने महिला सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया है। उनका कहना है कि ट्रेनिंग सेंटर ऐसी जगह बनाये गए हैं जहां न तो कोई रुकने का इंतजाम हैं औऱ ना ही परिवहन की सुविधा है, ऐसे में महिला ट्रेनियों की सुरक्षा की गारण्टी क्या है ?
रिपोर्टर -योगेश त्यागी
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