वृंदावन/मथुरा। परिक्रमा मार्ग के पास स्थित शराब के ठेके को जबरन बंद कराने की घटना ने धार्मिक नगरी वृंदावन में तनाव बढ़ा दिया है। दिल्ली–गाजियाबाद से पहुंचे युवाओं के एक दल ने मंगलवार दोपहर दुकान का शटर गिरवाकर विरोध जताया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस सक्रिय हुई और 20 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
यह मामला उस समय और संवेदनशील हो गया जब हाल ही में धार्मिक प्रवक्ता धीरेंद्र शास्त्री ने ब्रज क्षेत्र में मांस और मदिरा के विरोध में कड़ा बयान दिया था। स्थानीय संतों और नागरिकों का मानना है कि इसी बयान के बाद तीर्थ क्षेत्र में प्रतिबंध को लेकर नए सिरे से आंदोलन की पृष्ठभूमि तैयार हुई।
ऐसे हुआ विवाद — वीडियो वायरल होते ही हरकत में आया प्रशासन
दोपहर में दुकान खोलते ही दिल्ली–गाजियाबाद के नेताओं का समूह, दक्ष चौधरी के नेतृत्व में, ठेके पर पहुंचा। समूह ने पहले दुकान बंद कराई, फिर शटर गिरवाया और पूरी कार्रवाई सोशल मीडिया पर लाइव की। वीडियो वायरल होते ही प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी 20 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई।
पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि, “कानून हाथ में लेने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी।”
ब्रज की आस्था बनाम लाइसेंस — मुद्दा दो खेमों में बंटा
वृंदावन विश्वप्रसिद्ध तीर्थ है। परिक्रमा मार्ग के पास शराब बेचने का विरोध वर्षों से होता रहा है।
संतों और स्थानीय लोगों ने तर्क दिया है कि परिक्रमा मार्ग पवित्र है और प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु पदयात्रा करते हैं इसलिए धार्मिक क्षेत्र में शराब की बिक्री अनुचित है
प्रशासन की स्थिति:
वही प्रशासन का कहना है कि ठेके का लाइसेंस वैध है और दुकान बंद कराने का अधिकार सिर्फ शासन के पास ही है।
सोशल मीडिया पर गरमी — ‘तीर्थ क्षेत्र को घोषित करें नो-लिकर जोन’
घटना के बाद सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई। समर्थकों ने मांग की है कि तीर्थ क्षेत्रों में शराब–मांस पर पूर्ण प्रतिबंध किया जाए हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण की जरूरत है।
ब्रज, काशी, अयोध्या, प्रयागराज को विशेष धार्मिक संरक्षण क्षेत्र (Special Religious Zone) घोषित करने की सरकार को पहल करनी चाहिए।
विरोध में आवाजें:
वही कुछ लोगों का कहना है कि विरोध हो, पर कानूनसम्मत तरीके से ही हो भीड़ द्वारा किसी दुकान को बंद कराना बिल्कुल अनुचित है।
अब आगे क्या?
पुलिस नामजद 20 लोगों की भूमिका की जांच कर रही है साथ ही आबकारी विभाग से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है
धार्मिक संगठनों और प्रशासन के बीच संवाद शुरू
सरकार तीर्थ क्षेत्रों के लिए नई नीति पर विचार कर सकती है
वृंदावन में शराब ठेका बंद कराने का मुद्दा अब सिर्फ एक दुकान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह आस्था, कानून और प्रशासनिक व्यवस्था की व्यापक बहस का विषय बनकर उभर आया है।

