समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान की जमानत याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
आजम खान को फिलहाल न्यायालय से राहत नहीं मिली है। वहीं आजम खान के खिलाफ एक के बाद एक दर्ज मामलों पर सुप्रीम कोर्ट से यूपी सरकार ने कहा कि सपा नेता आजम खान आदतन अपराधी हैं और उनको जमानत नहीं मिलनी चाहिए।
वहीं आजम के वकील ने आरोप लगाया कि यूपी सरकार उनके मुवक्किल को राजनीतिक द्वेष का शिकार बना रही है। उच्चतम न्यायालय ने दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
सुनवाई के दौरान आजम खान पर हुई हालिया एफआईआर पर कोर्ट ने यूपी सरकार पर सवाल उठाया है। जिसके जवाब में यूपी सरकार की तरफ से कहा गया कि आजम खान आदतन अपराधी व भूमाफिया हैं और उनको जमानत नहीं मिलनी चाहिए।
वर्ष 2020 में मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी और 2022 में आजम खान का नाम जोड़ा गया। इस पर कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में आजम खान का नाम जोड़ने के लिए शिकायतकर्ता ने दो साल का समय क्यों लगाया। वहीं आजम खान के वकील सिब्बल ने कहा यह एफआईआर तब दर्ज हुई जब आजम जेल में थे।
-एजेंसियां