BJP Candidate List UP By-Election: यूपी उपचुनाव के लिए भाजपा ने जारी की कैंडिडेट्स की लिस्ट, जानें- किसे कहां से दिया टिकट

यूपी भाजपा जिलाध्यक्ष नियुक्ति: बहुत कठिन है डगर पनघट की, पार्टी की रणनीति फेर देगी कई उम्मीदवारों के अरमानों पर पानी

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आगरा। भाजपा के अंतःपुर से एक खबर यह मिल रही है कि संगठनात्मक चुनाव के अंतर्गत भाजपा ने भले ही यूपी के सभी जिलों में जिलाध्यक्ष पद के नामांकन करा लिए हैं, लेकिन फिलहाल 50 से 60 प्रतिशत जिलाध्यक्ष ही घोषित किए जाएंगे। पार्टी नेतृत्व चुनाव प्रक्रिया के तहत उतने ही जिलाध्यक्ष घोषित करना चाहता है जितने से प्रदेश अध्य़क्ष का चुनाव कराया जा सके। बाकी बचे जिलाध्यक्ष पदों को नए प्रदेश अध्यक्ष द्वारा मनोनयन प्रक्रिया से भरा जाएगा।

सात से दस जनवरी तक यूपी की सभी जिला इकाइयों में जिलाध्यक्ष पद चुनाव के लिए नामांकन पत्र स्वीकार किए गए हैं। जिलों में भले ही नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई हो, पर प्रदेश नेतृत्व फिलहाल 50 से 60 फीसदी जिलाध्यक्षों की ही घोषणा करेगा। जिन जिलों में संगठन बाद में जिलाध्यक्ष का चुनाव कराना चाहता है, वहां अभी तक बहुत से मंडल अध्यक्षों की भी घोषणा नहीं हुई है।

विवाद वाले जिलों में टाले जाएंगे चुनाव

दरअसल सत्ता में होने की वजह से भाजपा को संगठन के चुनाव कराने में बहुत दिक्कतें आ रही हैं। हर कोई जिलाध्यक्ष बनना चाहता है। सासंदों और विधायकों की कोशिश है कि उनकी पसंद का जिलाध्यक्ष हो। इसकी वजह से तमाम जिलों में ऐसी स्थिति बनी हुई है कि जिलाध्यक्ष का नाम तय करना मुश्किल है। ऐसे में पार्टी ने तय किया है कि कम विवाद वाले जिलों में कम से कम 50 जिलाध्यक्ष तय कर दिए जाएं।

जिन जिलों में ज्यादा विवाद है, वहां फिलहाल चुनाव टाल दिए जाएंगे। विगत दिवस ही अलीगढ़ महानगर और अलीगढ़ जिला, हापुड़, फिरोजाबाद और एक अन्य जिले में चुनाव इसी रणनीति के तहत स्थगित किए जा चुके हैं। जिन जिलों में चुनाव टाले जा रहे हैं, वह जिलाध्यक्षों के पदों को मनोनयन से इसलिए भरा जाएगा ताकि पार्टी प्रदेश में जातीय समीकरणों को साध सके। जो जातियां निर्वाचित जिलाध्यक्षों से कवर नहीं होंगी, उन्हें मनोनयन प्रक्रिया से कवर किया जाएगा।

पिछले दिनों राष्ट्रीय महासचिव संगठन बीएल संतोष ने चुनाव में लगे पदाधिकारियों की लखनऊ में बैठक कर 15 जनवरी तक जिलाध्यक्षों की घोषणा करने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में 10 जनवरी तक जिलाध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कराने की अंतिम तिथि तय की गई थी। पार्टी ने इस बैठक के बाद कुछ और मंडल अध्यक्षों की घोषणा कर दी, जिसमें आगरा जिला भी शामिल रहा। बीते दिन ज्यादातर जिलों में नामांकन की प्रक्रिया का समापन हो गया।

पैनल बनाने में जुटे चुनाव अधिकारी

अब सभी जिला निर्वाचन अधिकारी जिले के जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ नेताओं से रायशुमारी कर प्रदेश नेतृत्व को तीन से पांच नामों का पैनल सौंपेंगे। प्रदेश नेतृत्व ने एक प्रारूप पर इन वरिष्ठ नेताओं और जनप्रतिनिधियों से लिखित में भी राय मांगी है। अब जल्द ही प्रदेश मुख्यालय पर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह, जिला निर्वाचन अधिकारी, जिला प्रभारी, जिला पर्यवेक्षक और क्षेत्रीय अध्यक्ष के साथ बैठक कर जिलाध्यक्षों के नाम को अंतिम रूप देंगे।

प्रदेश नेतृत्व द्वारा तय किए गए जिलाध्यक्षों की सूची को स्वीकृति के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व के पास भेजा जाएगा। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद ही नए जिलाध्यक्षों की घोषणा की जाएगी।

लगभग 50 जिलाध्यक्ष ही घोषित होंगे

उत्तर प्रदेश में भाजपा के सांगठनिक दृष्टि से 92 जिले हैं। पार्टी फिलहाल 50 के आसपास जिलाध्यक्षों की घोषणा करेगी, ताकि प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में कोई अड़चन न आए। जिलाध्यक्षों की घोषणा होते ही पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी कराने में जुट जाएगी।

हो सकता है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के कारण प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय होने में कुछ वक्त लग जाए पर प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद फरवरी माह में ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है, इसलिए पार्टी नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय करने में ज़्यादा वक्त नहीं लगाएगी।

संघ की राय होगी महत्वपूर्ण

जिलाध्यक्ष के चयन में आरएसएस की राय सर्वाधिक महत्वपूर्ण होगी। राय देने के लिए प्रांत प्रचारकों को अधिकृत किया गया है। यही कारण है कि नामांकन करने के बाद ज्यादातर नेता संघ के प्रचारकों के आगे पीछे चक्कर लगा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि प्रांत प्रचारकों ने संघ के पदाधिकारियों से नामों को लेकर चर्चा कर ली है। अब केवल प्रांत प्रचारक की ओर सभी नेताओं की नजर लगी हुई है।

साभार सहित-sp सिंह जी


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