UNSC: गाजा में इजराइली हमले रोकने को लाया गया रूस का प्रस्‍ताव खारिज

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इन देशों ने किया रूसी प्रस्ताव का समर्थन

रूसी प्रस्ताव के समर्थन में जिन देशों ने वोट किया उनमें चीन, संयुक्त अरब अमीरात, मोजाम्बिक और गैबोन शामिल हैं। वहीं प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने वाले देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और फ्रांस शामिल हैं। छह अन्य देश मतदान में शामिल ही नहीं हुए। बता दें कि इस्राइल और हमास के बीच छिड़ी लड़ाई को लगभग दो हफ्ते का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक संयुक्त राष्ट्र की सबसे अहम निकाय सुरक्षा परिषद, जिस पर वैश्विक शांति और सुरक्षा की जिम्मेदारी है, वह इस हिंसा को रोकने में विफल रही है।

बीती सात अक्तूबर को फलस्तीन के आतंकी संगठन हमास ने इस्राइली सीमा में घुसकर 1400 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी। वहीं इस्राइल के जवाबी हमले में अब तक गाजा पट्टी में 2750 के करीब लोगों की जान जा चुकी है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, पश्चिमी देशों की बंधक

गाजा पर रूसी प्रस्ताव पर मतदान से पहले रूसी राजनयिक वेसिली नेबंजिया ने सदस्य देशों से समर्थन मांगते हुए कहा कि गाजा संकट अभूतपूर्व है और इसमें हताहतों की संख्या हर घंटे बढ़ रही है। रूसी राजनयिक ने इस्राइल और गाजा में आम नागरिकों की मौतों की कड़ी निंदा की।

वहीं रूसी प्रस्ताव खारिज होने के बाद वेसिली नेबंजिया ने कहा कि एक बार फिर साबित हो गया है कि सुरक्षा परिषद पश्चिमी देशों के स्वार्थों की बंधक है और यह बीते दशक की सबसे गंभीर हिंसा रोकने के लिए एकजुट संदेश देने में विफल रही है।

रूसी प्रस्ताव पर क्या बोलीं अमेरिकी राजदूत

वहीं अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा कि रूसी प्रस्ताव में हमास का जिक्र ही नहीं है जबकि हमास ने इस्राइली नागरिकों, यहूदियों को तबाह करने की नीयत से हमला किया। रूस हमास की निंदा नहीं कर इस आतंकी संगठन के बर्बर कृत्य का बचाव कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमास के हमले की वजह से ही गाजा में यह गंभीर मानवीय संकट पैदा हुआ है।

अमेरिकी राजदूत ने गाजा में जारी हिंसा की भी निंदा की लेकिन ये भी कहा कि आतंकी हमले का जवाब देना इस्राइल का अधिकार है। ब्रिटेन की राजदूत बारबरा वुडवार्ड ने रूसी प्रस्ताव की निंदा करते हुए कहा कि इस्राइली पर हुए उसके इतिहास के सबसे बर्बर हमले को इस प्रस्ताव में नजरअंदाज किया गया है।

Compiled: up18 News